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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

Zoya,s Flat (Hindi) - 1.2


ज़ोया का फ्लैट – 1.2
दूसरा प्रवेश:
...दयनीय छोटा सा कमरा, घासलेट तेल की ढिबरी से प्रकाशित. रस्सियों पर कपड़े झूल रहे हैं. दरवाज़े पर बोर्ड टंगा है,  “संघाई की लांदरी का प्रवेसद्वार.” गान-ज़ा-लिन (गाज़ोलिन) लैम्प पर झुका है. उसके सामने है ख़ेरूविम. दोनों लड़ रहे हैं.
गाज़ोलिन – तू सीनी पदमास. डाकू! रेसम सुराया, कोकीन सुराई. कहाँ मर गया? हाँ? भरोसा कौन करे तुज़ पर? आँ?
 खेरूविम – तोडा-तोडा, बहुत थोड़ा! तुम ख़ुद ही डाकू होते. मासको का भिकमंगा.
गाज़ोलिन – भाग, अप्पी, भाग लांदरी से. तू चोर, सूखा सोर.
खेरूविम – का? गलीब सीनी को भगाते? मेले पास से रेसम स्वेत्नी पल सुराया, कोकीन डाकू ले गया, लास्ते में मुज़े थोला-थोला माला. देक (हाथ पर लगी ज़ख़म दिखाता है) मैं तुम्हाले लिए काम की, औल अब भगाते! गलीब सीनी मासको में क्या खाएगा? बुला दोसत! तुजे माल डालूँगा.
गाज़ोलिन – सुप लहो. तू जो मुजे मालेगा, कमूनिस्त पुलिस तुजे थोडा-थोडा सताएगा.
खेरूविम – का, भगाएगा? मददगाल को भगाएगा? मैं तुजे दलवाजे पल तांग तूंगा!
गाज़ोलिन – तू सोरी कलेगा? दाका दालेगा?
खेरूविम – नाई---नाई...
गाज़ोलिन – बोल...बगवान की कसम.
खेरूविम – बगवान की कसम.
गाज़ोलिन – फिल से बोल – बगवान की कसम.
खेरूविम - बगवान, बगवान की कसम...मालिक.
गाज़ोलिन – गाऊन पेन, काम करना है.
खेरूविम – बूक लगी है, पूला दिन कुस काया नई. रोत्ती दे.
गाज़ोलिन – रोत्ती ले ले, भत्ती से निकाल ले.
खटखटाने की आवाज़
कौन? कौन?
मान्यूश्का (दरवाज़े के पीछे से) – खोलो, गाज़ोलिन, अपने ही हैं.
गाज़ोलिन – SSS , मानूस्का! (मान्यूश्का को अन्दर आने देता है.)
मान्यूश्का – बन्द करके क्यों बैठे हो? अच्छी ख़ासी लाँड्री है. तुम त्क तो पहुँचना ही मुश्किल है.
गाज़ोलिन - आ S मानूसेन्का, नमत्ते, नमत्ते.
 मान्यूश्का – आह, कितना अच्छा है. फ़रिश्ते की तरह. कौन है ये?
गाज़ोलिन – मददगाल मेला.
मान्यूश्का – मददगार. ऐख , तुम भी! हाँ, गाज़ोलिन, तेरे लिए चिट्ठी है. जल्दी से दवा दे दो.
गाज़ोलिन – का? सायद, ओबोल्यान बीमाल है?
मान्यूश्का – ऊ-ऊ, भगवान न करे! लेटे लेटे हाथों को काटते रहते हैं.
गाज़ोलिन – पाँस लुबल होंगे. पैसा दे.
मान्यूश्का – नहीं, उन्होंने कहा है कि तुम ख़ुद आकर उनके सामने दवा बनाओ; कहते हैं, घर में तुम पतली कर देते हो.
गाज़ोलिन – अप्पी मैं नई आ सकती.
मान्यूश्का – नहीं, तुम, अब, चलो भी. तुम्हारे बिना मुझे घर में घुसने को मना किया है.
खेरूविम – का? मालफ़ी?
गाज़ोलिन (चीनी में) - वाल्या-वा ल्या.
खेरूविम (चीनी में) – ऊ ल्या ऊ ल्या...ल्या दा नो, ल्या दा नो.
गाज़ोलिन – मानूस्का. ये जाएगी, सब कलेगी.
मान्यूश्का – उसे करना आता है?
गाज़ोलिन – आती, दलो मत. तू, मानूसेन्का, जल्दी जल्दी वापस बेज देती.
मान्यूश्का – तुम छुप क्यों रहे हो, गाज़ोलिन? मुझे तुम्हारी सब करतूतें पता हैं. 
गाज़ोलिन - (मान्यूश्का को घुमा देता है)  तो, मानूस्का. (खेरूविम से) दलवाज़े पल पहला दे. (जाता है और एक डिबिया और काँच की नन्हीं सुराही लेकर लौटता है.) वा ल्या वा ल्या...
खेरूविम – मुजे का सिकाते? चलें लतकी.
गाज़ोलिन (मान्यूश्का से) – औल उसे पैसे नई देती?
मान्यूश्का – डरो मत, वहाँ दे देंगे.
गाज़ोलिन (खेरूविम से) – पाँस लुबल लाना. मानूस्का, अलबिदा. मुजसे सादी कब कलती?
मान्यूश्का – छिः! क्या मैंने तुमसे वादा  किया था?
गाज़ोलिन – आह, मानूस्का! औल कौन बोला ता?
खेरूविम – अस्सी लतकी है मानूस्का.
गाज़ोलिन – तू सुप कल. ज़ा, ज़ा. तू दवा देक ले. तू मानूस्का, उसे देक ले. कपदे ले जा.
खेरूविम – गलीब सीनी को काहे सताते? (कपड़ों की पोटली उठाता है.)
मान्यूश्का – तुम उसे गालियाँ क्यों देते हो? वह तो फ़रिश्ते की तरह ख़ामोश है.
गाज़ोलिन – वो, खेलूविमसिक, फलिस्ता – दाकू है.
मान्यूश्का – अलबिदा, गाज़ोलिन.
गाज़ोलिन – अलबिदा, मानूस्का. जल्दी आना, तुझे तावत तूँगा.
मान्यूश्का – औरत का सिर्फ हाथ चूमो, होठों तक न चढ़ना.   (खेरूविम के साथ जाती है.)
गाज़ोलिन – अस्सी है लदकी मानूस्का...(चीनी गाना गाता है) लज़ीज़ है लदकी मानूस्का...(अँधेरा)

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

Zoya's Flat(Hindi) - 1.1.3


ज़ोया का फ्लैट – 1.1.3
ज़ोया – ये हुई न बात.. अल्लीलूया. इनाम के तौर पर मुझे इस रफ़ू वाली जगह पर चूम सकते हैं (पैर की ओर इशारा करती है) आँखें बन्द कर लीजिए और सोचिए कि यह मान्यूश्का का पैर है.
अल्लीलूया – एख़, ज़ोया देनिसोव्ना, ...एख़...कैसी हैं आप!
ज़ोया – क्या हुआ?
अल्लीलूया – कितनी प्यारी...
ज़ोया – बस, बस, मार खाओगे. बाज़ू हटो. मेरे प्यारे, अलबिदा. अलबिदा. मुझे तैयार होना है. मार्च! लेफ्ट, राइट!
(कहीं दूर, पियानो ज़ोर शोर से लीस्त के लोक संगीत की दूसरी धुन बजाता है.)
अल्लीलूया – अलबिदा. आज आप सिर्फ यह तय कर लीजिए कि अपने फ्लैट में किसे रहने देंगी. मैं फिर आऊँगा. (दरवाज़े की ओर जाता है.)
ज़ोया – ठीक है.
(पियानो अचानक रुक जाता है और एक हल्का सा रोमान्स छेड़ देता है. एक नाज़ुक आवाज़ गाती है:
न गा, प्रिये, मेरे सामने
 दर्दीले जॉर्जिया के गीत... 
अल्लीलूया (दरवाज़े के निकट रुक कर बड़बड़ाता है) – यह क्या बात है? हो सकता है, गूस डॉलर्स के नम्बर नोट कर लेता हो?
ज़ोया – और आपने क्या सोचा?
अल्लीलूया – पब्लिक होशियार हो गई है! पब्लिक! (जाता है)
ओबोल्यानिनोव (बदहवासी से भागते हुए आता है) – ज़ोयका! क्या मैं आ सकता हूँ?
ज़ोया – पाव्लिक! पाव्लिक! आओ, आओ, बेशक आओ! (परेशानी से) क्या हुआ पाव्लिक, फिर से?
ओबोल्यानिनोव – ज़ोया, ज़ोया, ज़ोका! (अपने हाथ मरोड़ता है.)
ज़ोया – लेट जाओ, लेट जाओ, पाव्लिक. मैं अभी वैलेरीन दूँगी. शायद, थोड़ी वाइन भी?
ओबोल्यानिनोव – भाड़ में जाए वाइन और वैलेरीन! क्या वैलेरीन से मुझे आराम मिलेगा?
आवाज़ गाती है:
याद दिलाते वे मुझे
कोई और जीवन, कोई और किनारा...    

ज़ोया (दुख से) – तुम्हारी मदद कैसे करूँ? हे भगवान!
ओबोल्यानिनोव – मुझे मार डालो!
ज़ोया – नहीं, तुम्हारी तड़पन मुझसे देखी नहीं जाती! मुक़ाबला नहीं कर सकते, पाव्लिक? अस्पताल चलें? पर्ची है?
ओबोल्यानिनोव – नहीं, नहीं. वह नाकारा डॉक्टर छुट्टियाँ मनाने फार्म हाऊस चला गया. फार्म हाऊस! लोग मर रहे हैं और वह फ़ार्म हाऊस की सैर कर रहा है. चीनी के पास! मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता. चीनी के पास!
ज़ोया – चीनी के पास. अच्छा...अच्छा...मान्यूश्का, मान्यूश्का!
(मान्यूश्का आती है.)
ज़ोया – पावेल फ़्योदोरोविच बीमार हैं. फ़ौरन गाज़ोलिन के पास दौड़ जा. मैं चिट्ठी लिखकर देती हूँ...दवा लेती आना. समझ गईं?
मान्यूश्का – समझ गई, ज़ोया देनिसोव्ना...
ओबोल्यानिनोव – नहीं, ज़ोय देनोसोव्ना! उसे यहीं आकर मेरे सामने ही बनाने दो. वह बदमाश है. वैसे भी मॉस्को में एक भी ढंग का आदमी नहीं है. सब बदमाश हैं. किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता. और यह मानो कानों में गरम तेल डाल रही हो...... याद दिलाते वे मुझे...कोई और जीवन, कोई और किनारा...   
ज़ोया (मान्यूश्का को चिट्ठी देती है)  - फ़ौरन ले आना. गाड़ी करके जाना.
मान्यूश्का – और अगर वो घर पे न हो तो?
ओबोल्यानिनोव – होगा क्यों नहीं? कैसे नहीं होगा? होना ही चाहिए! होगा ही! होगा ही!
ज़ोया – जहाँ भी हो, पकड़ ला! मालूम कर, कहाँ है. भाग! उड़ कर जा!
मान्यूश्का – अच्छा. (भागती है.)
ज़ोया – पाव्लिक, मेरे अपने, बर्दाश्त करो, बर्दाश्त करो. वह अभी उसे ले आएगी.
(आवाज़ ज़िद्दीपन से गाये जा रही है, “...याद दिलाते वे मुझे...”)
ओबोल्यानिनोव -याद दिलाते...वे मुझे...कोई और जीवन. तुम्हारी बिल्डिंग का आँगन बड़ा मनहूस है. कितना शोर मचाते हैं. हे भगवान! तुम्हारी सादोवाया पर सूर्यास्त कितना बोझिल है. नंगा सूर्यास्त. बन्द करो, अभी बन्द करो, सारे पर्दे!
ज़ोय – हाँ, हाँ. (पर्दे बन्द करती है.)
अंधेरा छा जाता है.

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

Zoya's Flat(Hindi) - 1.1.2


ज़ोया का फ्लैट – 1.1.2
अल्लीलूया – ये, ज़ोया देनिसोव्ना, ठीक नहीं है. मैं तो दोस्ती की ख़ातिर आपको आगाह कर रहा हूँ, और आप मुझे घुमा रही हैं. मान्यूश्का – भतीजी! आप हँस क्यों रही हैं? वो आपकी भतीजी वैसी ही है, जैसे मैं आपकी बुआ.
ज़ोया – अल्लीलूया, आप बड़े बदतमीज़ हैं.
अल्लीलूया - पहला कमरा भी ख़ाली है.
ज़ोया – माफ़ करना, वो दौरे पे गया है.
अल्लीलूया – क्या कह रही हैं, ज़ोया देनिसोव्ना! वह तो मॉस्को में है ही नहीं. साफ़-साफ़ कहूँ: उसने आपको फार्फोत्रेस्त से एक चिट्ठी भेज दी और साल भर के लिए पिंड छुड़ा लिया. बड़ी जादुई चीज़ है. और मुझे आपकी वजह से जनरल बॉडी मीटिंग क्या-क्या सुनना पड़ा, बड़ी मुश्किल से बच कर भागा. औरतें चीख़ती रहीं – कहती हिं, तुम पेल्त्स को बच रहे हो. तुमने , शायद, उससे रिश्वत ली है. और भूलिए मत कि मैं उम्मीदवार हूँ.
ज़ोया – तुम्हारी गैंग आख़िर चाहती क्या है?
अल्लीलूया -  ये आप किसके बारे में कह रही हैं?
ज़ोया – वो, जनरल बॉडी, वो मीटिंग के बारे में.
अल्लीलूया – याद रखिए, ज़ोया देनिसोव्ना, ऐसे अल्फ़ाज़ के लिए आपको पछताना पड़ेगा. मेरी जगह अगर कोई दूसरा होता तो...
ज़ोया – यही तो बात है कि तुम ही अपनी जगह पर हो, कोई और नहीं.
अल्लीलूया – आपके कमरों में कुछ लोगों को रखने का फ़ैसला हुआ है. और, आधे लोग तो कह रहे थे कि आपको यहाँ से निकाल ही दिया जाए.
ज़ोया – निकाल दिया जाए? (मुक्का दिखती है.)
अल्लीलूया – इसका क्या मतलब है?
ज़ोया – आप समझ रहे होंगे कि यह मुक्का है.
अल्लीलूया – बस, ज़ोया देनिसोव्ना! मैं देख रहा हूँ कि आप सीधे से बात करना नहीं चाहतीं. सिर्फ मुक्कों से ज़्यादा देर काम न चलेगा. अगर कल आपके फ्लैट में एक मज़दूर को न बसाया तो मेरा मरा मुँह देखें. देखता हूँ कि आप कैसे उसके सामने मुक्के नचाती हैं. माफ़ी चाहता हूँ. (जाने लगता है.)
ज़ोया – अल्लीलूया, आल्लीलुयचिक! मुझे बताइए, कि आपके इस मज़दूरों के सहकारी आवास गृह में पहली मंज़िल पर बोरिस सिम्योनोविच गूस-रिमोंत्नी ने अकेले ही सात कमरे क्यों हथिया रखे हैं?
अल्लीलूया – माफ़ी चह्ता हूँ, गूस ने उस फ्लैट को काँट्रैक्ट पर लिया है. सात सौ डॉलर्स दिए हैं, कानूनन. वह पूरे घर को गरम करता है.
ज़ोया – माफ़ करना, एक बेबाक सवाल पूछूँ: उसने आपको कितने दिए थे फ़िर्सोव से वह फ्लैट छीनने के लिए?
अल्लीलूया – आप, ज़ोया देनोसोव्ना, ज़ुबान को लगाम दें, मैं एक ज़िम्मेदार आदमी हूँ: उसने मुझे कुछ भी नहीं दिया.
ज़ोया – आपके कोट की भीतरी जेब में डॉलर्स पड़े हैं BM 425900 से 425949 तक, 1922 में छापे गए.
(अल्लीलूया कोट की भीतरी जेब में हाथ डालता है, डॉलर्स निकालता है और उसका चेहरा फक् पड़ जाता है.)
वाह, वाह! हाऊसिंग कमिटी – आँख है. झपकती नहीं.. हाऊसिंग कमिटी – आँख है, और हाऊसिंग कमिटी के ऊपर भी एक आँख हैं.
अल्लीलूया – आप, ज़ोया देनिसोव्ना, काला जादू जानती हैं, मैंने पहले ही भाँप लिया था. आप सामाजिक दृष्टि से ख़तरनाक चीज़ हैं!
ज़ोया – मैं ख़तरनाक ज़रूर हूँ, मगर सिर्फ़ उनके लिए जो मेरे लिए ख़तरनाक हैं, अच्छे लोगों के लिए तो अच्छी ही हूँ.
अल्लीलूया – मैं तो एक भले पड़ोसी की तरह आपसे बात करने आया था, मगर आप तो मुझे अजूबे दिखला रही हैं.
ज़ोया – आ SSS! अब बात दूसरी है. प्लीज़, बैठिए.     
अल्लीलूया – (घबरा गया है) शुक्रिया.
ज़ोया – तो: मान्यूश्का को और जादुई व्यक्ति को संभाल लेना होगा.
अल्लीलूया – मेरा यक़ीन कीजिए, ज़ोया देनिसोव्ना, मान्यूश्का को सम्भालना नामुमकिन है. पूरी बिल्डिंग जानती है कि वह नौकरानी है, और, हो सकता है कि उसे किचन के साथ वाले कमरे में भगा दें. हाँ, जादुई व्यक्ति का ध्यान मैं रख लूँगा: उसके पास आइडेंटिटी कार्ड है.
ज़ोया – चलो, ठीक है. यक़ीन कर लेती हूँ. एक आदमी को अपने फ्लैट में जगह दे दूँगी.
अल्लीलूया – और बाकी कमरों का क्या होगा? आज तो आख़िरी तारीख है.
ज़ोया – बाकी के कमरों का, माई डियर, हम ये करेंगे. (कागज़ निकालती है.) ग़ौर फ़रमाइए.
अल्लीलूया – (पढ़ता है) “एतद् द्वारा नागरिक ज़ोया देनिसोव्ना को टेलरिंग स्कूल तथा शो-रूम खोलने की इजाज़त दी जाती है...” ओsss.होsssहो...
ज़ोया – स्कूsssल भी.             
अल्लीलूया – सब समझते हैं , छोटे थोड़े ही  हैं...(पढ़ता है) “...मज़दूरों और कर्मचारियों की पत्नियों के कपड़े सीने के लिए...हsssम् ...अतिरिक्त जगह ...सोलह सझेन(16X 7 वर्ग फुट)शिक्षा विभाग के तहत” (उत्तेजना से) हुर्रे! माफ़ कीजिए. ये...ये आपको किसने लाके दिया?
ज़ोया – क्या फ़रक पड़ता है?
अल्लीलूया - यह कागज़ भेजा है आपको गूस ने. मगर, मालूम है, ज़ोया देनिसोव्ना, अगर आप औरत न होतीं तो मैं ज़रूर कहता कि आप जीनियस हैं.
ज़ोया – आप ख़ुद ही जीनियस हैं. पाँच साल में मुझे पूरा नंगा कर दिया, और अब – जीनियस. आपको याद है, मैं क्रांति से पहले कैसे रहा करती थी?
अल्लीलूया – आपके रुतबे का हमें पता है. मगर, क्या आप सचमुच सिलाई सेंटर खोलना चाहती हैं?
ज़ोया – क्यों नहीं? आप देख रहे हैं कि मैं रफ़ू की हुई स्टॉकिंग्ज़ पहने हूँ. मैं, ज़ोया पेल्त्स! तुम्हारी इस सरकार से पहले मैंने न तो कभी रफ़ू किया हुआ कपड़ा पहना बल्कि कभी भी एक कपड़ा दुबारा नहीं पहना.
अल्लीलूया – पैर आपके कितने...
ज़ोया – ख़बरदार! पैर! तो, आदरणीय कॉम्रेड, इस कागज़ की कॉपी आपके डाकुओं को भेज दूँगी, और सब ख़तम. मैं नहीं हूँ. मर गई पेल्त्स. फिर कभी पेल्त्स से बात न करना.
अल्लीलूया – हाँ, इस कागज़ के बाद तो कोई सवाल ही नहीं. अब मामला आसान हो गया. मेरे दिल से जैसे बोझ उतर गया.

ज़ोया – दिल से बहुत बड़ा बोझ उतरेगा, शक करने का सवाल ही नहीं – विश्वास करना पड़ेगा, रोना भी पड़ेगा...ख़ैर, मुझे म्यूर के यहाँ से आज पाँच डॉलर वाला नोट दिया गया, मगर वह जाली निकला. ऐसे  नीच हैं!  देखिए, प्लीज़, आप तो डॉलर्स पहचानने में माहिर हैं...

अल्लीलूया – आह, ज़ुबान. क्या ज़ुबान है आपकी. (रोशनी में नोट देखता है.) अच्छी है नोट.

ज़ोया – और मैं कह रही हूँ कि जाली है.

अल्लीलूया – अच्छी है नोट.

ज़ोया – जाली है! जाली है! औरतों से बहस न कीजिए; इस दलिद्दर को ले जाइए और फेंक दीजिए.

अल्लीलूया – ठीक है, फेंक देंगे. (नोट अपनी अटैची में डाल लेता है.) हो सकता है, मान्यूश्का भी यहीं रह जाए...

Zoya's Flat (Hindi) - 1.1.1


ज़ोया का फ्लैट – 1.1.1
(1926)
(नाटक तीन अंकों में)
लेखक – मिखाइल बुल्गाकोव
हिन्दी अनुवाद – आकेल्ला चारुमति रामदास


पात्र:
ज़ोया देनिसोव्ना पेल्त्स, 35 वर्षीय विधवा.
पावेल फ़्योदोरोविच ओबोल्यानिनोव, 35 वर्ष
अलेक्सान्द्र तारासोविच अमेतिस्तोव, व्यवस्थापक, 38 वर्ष.
मान्यूश्का, ज़ोया की नौकरानी, 22 वर्ष.
अनीसिम ज़ोतिकोविच अल्लीलूया, हाउसिंग कमेटी का प्रेसिडेंट, 42 वर्ष.
गान-ज़ा-लिन (वही गाज़ोलिन भी है), चीनी, 40 वर्ष.
ख़ेरूविम, चीनी, 28 वर्ष
आल्ला वादीमोव्ना, 25 वर्ष
बोरिस सिम्योनोविच गूस-रिमोन्तनी, कठोर धातुओं के कारखानों का वाणिज्य डाइरेक्टर
लिज़ान्का, 23 वर्ष
मीम्रा, 35 वर्ष
मैडम इवानोवा, 30 वर्ष
रोब्बेर, संरक्षक समिति का सदस्य
फॉक्सट्रॉट डान्सर
कवि
गंजेडी
इवान वासिल्येविच का मृत शरीर
काफ़ी ज़िम्मेदार आग्नेसा फ़ेरापोंतोव्ना
पहली ग़ैरज़िम्मेदार महिला
दूसरी ग़ैरज़िम्मेदार महिला
तीसरी ग़ैरज़िम्मेदार महिला
दर्ज़ी
कॉम्रेड पेस्त्रूखिन
मोटा
वानेच्का
दर्ज़िन
आवाज़ें
कथानक बीसवीं शताब्दी के दूसरे शतक में मॉस्को में घटित होता है. पहला अंक मई में; दूसरा एवम् तीसरा जाड़ों के आरम्भ में. दूसरे एवम् तीसरे अंक के मध्य तीन दिन का अंतराल है.










प्रथम अंक
पहला प्रवेश
स्टेज पर ज़ोया का फ्लैट – स्वागत कक्ष, ड्राइंगरूम, बेड़रूम. मई के अस्त होते सूर्य की लालिमा खिड़कियों को लाल किए दे रही है. खिड़कियों से बाहर विशाल भवन का आँगन एक डरावने नासदान की भांति प्रतीत हो रहा है:
 शाल्यापिन ग्रामोफोन में गा रहा है:
“धरती पर पूरी मानव जाति...”
आवाज़ें: “खरीदते हैं ‘प्राइमस’!”
 शाल्यापिन: “महामानव का करे सम्मान...”
आवाज़ें: “तेज़ करे चाकू, कैंचियाँ...!”
शाल्यापिन: “ प्यार भरे दिल से,
          पूजे बुत को...”
आवाज़ें: “गरमाएँ समोवार!”
      “ईवनिंग मॉस्को...- अख़बार!”
ट्रामगाड़ी सीटी बजाती है, सीटियाँ. हार्मोनियम मस्तानी धुन बजाता है.
ज़ोया - (शयनकक्ष में भारी भरकम अलमारी के शीशे के सामने कपड़े पहनते हुए वही धुन गुनगुनाती है). मिल गया कागज़, मिल गया कागज़. मैंने ढूँढ़ा. मिल गया कागज़!
मान्यूश्का – ज़ोया देनिसोव्ना, अल्लीलूया आया है.
ज़ोया – भगा दे, भगा दे उसको, कह दे – मैं घर में नहीं हूँ...
मान्यूश्का – हाँ, वो, नासपिटा...
ज़ोया – रुक, रुक. कह दे – बाहर गई है, बस, और कुछ न कहना. (शीशा जड़ी अलमारी में छिप जाती है.)
अल्लीलूया – ज़ोया देनिसोव्ना, आप घर में हैं?
मान्यूश्का – नहीं है, मैं कह जो रही हूँ – नहीं है. और ये आप करते क्या हैं, कॉम्रेड अल्लीलूया, सीधे मेमसा’ब के बेडरूम में घुसे चले जा रहे हैं! मैं आप से कह तो रही हूं – नहीं है.
अल्लीलूया – सोवियत शासन में बेडरूम्स की इजाज़त नहीं है. शायद, तुझे भी एक बेडरूम चाहिए, अलग से? वो आएँगी कब?
मान्यूश्का – अब भला मुझे कैसे मालूम? वो मुझे बताती थोड़े ही हैं.
अल्लीलूया – शायद अपने यार के पास गई है?
मान्यूश्का – कैसे जंगली हैं आप, कॉम्रेड अल्लीलूया. ये...ऐसी बात, आप किसके बारे में कह रहे हैं?
अल्लीलूया – तुम, मारिया, बेवकूफ़ बनने का ढोंग मत करो. आपके कारनामे हमें अच्छी तरह मालूम हैं. हाऊसिंग कमिटी से कोई बात छिपी नहीं है. हाऊसिंग कमिटी कोई ऊँघती थोड़े ही है. समझीं? हम एक आँख से सोते हैं और दूसरी से देखते रहते हैं. इसीलिए तो बनाई गई है कमिटी. तुम, शायद, अकेली हो घर में?
मान्यूश्का – आप यहाँ से चले जाइए, अनीसिम ज़ोतिकोविच, वर्ना अच्छा न होगा. मालकिन हैं नहीं, और आप हैं कि बेडरूम में घुस आए.
अल्लीलूया – ऐ छोकरी! ये तुम किससे कह रही हो, ज़रा सोचो तो. देख रही हो कि मेरे हाथ में ब्रीफ़केस है? मतलब, मैं सरकारी ड्यूटी पर हूँ, मुझे कोई छू भी नहीं सकता. मैं कहीं भी घुस सकता हूँ. ऐ छोकरी (मान्यूश्का को बाँहों में भर लेता है.)
मान्यूश्का – जैसे ही मैं आपकी बीबी को बताऊँगी, वह आपकी ड्यूटी-व्यूटी अल्लीलूयासब निकाल देगी.
अल्लीलूया – ऐ, रुक, रुक जा, चक्करघिन्नी!
ज़ोया (अलमारी में) - अल्लीलूया, तुम सुअर हो.
मान्यूश्का – आह! (भाग जाती है.)
ज़ोया (अलमारी से बाहर निकलते हुए) -  शाबास, बहुत अच्छे, हाऊसिंग कमिटी के प्रेसिडेण्ट! बहुत अच्छे!
अल्लीलूया – मैंने सोचा कि आप वाक़ई में नहीं हैं. फिर, वो झूठ क्यों बोलती है? और आप, ज़ोया देनिसोव्ना, कितनी चालाक हैं. और सबका तो आप खूब स्वागत-सत्कार करती हैं...
ज़ोया – बिना स्वागत-सत्कार के आपसे कैसे मिल सकती हूँ, आप तो स्वागत-सत्कार न करने वाले को बगैर पलक झपकाए कच्चा खा जाएँ! बड़ी भौंडी किस्म की चीज़ हैं आप, अल्लीलुइचिक. पहली बात ये कि आप बेहूदा बातें करते हैं. ‘यार’ से आपका क्य मतलब है? ये आपने पावेल फ़्योदोरोविच के बारे में कहा?
अल्लीलूया – मैं तो सीध-साधा आदमी हूँ, युनिवर्सिटी कभी गया नहीं...
ज़ोया – अफ़सोस. दूसरी बात, मैंने पूरे कपड़े नहीं पह्ने हैं, और आप बेडरूम में घुस आए. और, तीसरी बात, मैं घर में नहीं हूँ.
अल्लीलूया – मगर आप तो घर पे हैं.
ज़ोया – नहीं हूँ.
अल्लीलूया – घर पे ही तो हैं आप.
ज़ोया – नहीं हूँ.
अल्लीलूया – बड़ी अजीब बात है...
ज़ोया – जल्दी से बोलो, तुम्हें मेरी ज़रूरत क्यों पड़ गई?
अल्लीलूया – मैं कोठरी के सिलसिले में आया था.
ज़ोया – मान्यूश्का की कोठरी?
अल्लीलूया – ही...ही... आप ख़ुद ही कह रही हैं. आपकी ज़ुबान...अं.... ज़ुबान...बात...
ज़ोया – क्या फिर से किसी और को बसाना है?
अल्लीलूया – ज़ाहिर है. आप अकेली हैं, और कमरे हैं छह.
ज़ोया – अकेली कैसे? और मान्योश्का?
अल्लीलूया – मान्यूश्का – नौकरानी है. उसके लिए किचन में सोलह गज है.
ज़ोया – मान्यूश्का! मान्यूश्का! मान्यूश्का!
मान्यूश्का (झाँकते हुए) – क्या है ज़ोया देनोसोव्ना?
ज़ोया – तुम कौन हो?
मान्यूश्का – आपकी भतीजी, ज़ोया देनिसोव्ना.
अल्लीलूया – भतीजी! ही...ही...क्या बात है! तुम तो सामोवार रखती हो.
ज़ोया – बकवास, अल्लीलूया. क्या ऐसा कोई कानून है कि भतीजियों को सामोवार नहीं रखना चाहिए?
अल्लीलूया – तुम सोती कहाँ हो?
मान्यूश्का – ड्राईंग रूम में.
अल्लीलूया – झूठ बोलती हो!
मान्यूश्का – ओSSS गॉड!!
अल्लीलूया – जवाब दो, जैसे फॉर्म में होता है, जल्दी जल्दी, सोचो मत. (जल्दी जल्दी पूछता है) तनख़्वाह कितनी मिलती है?
मान्यूश्का – (शीघ्रता से) – एक भी पैसा नहीं मिलता.
अल्लीलूया – ज़ोया देनिसोव्ना को किस नाम से पुकारती हो?
मान्यूश्का – आंटी.
अल्लीलूया – ओफ़, होपलेस लड़की! एकदम होपलेस!
मान्यूश्का – मैं जाऊँ, ज़ोया देनिसोव्ना?
ज़ोया – जा, मान्यूशेच्का, समोवार रख, तुझे कोई रोक नहीं सकता.
(मान्यूश्का खिलखिलाते हुए भाग जाती है.)