अध्याय
22
शमा
की रोशनी में
इस अध्याय का शीर्षक है ‘शमा की
रोशनी में’, क्योंकि अजूबों की दुनिया में मार्गारीटा का पदार्पण होता है मोमबत्ती
की रोशनी में.
जिस कार में मार्गारीटा को वापस
मॉस्को लाया जा रहा था, उसे एक पंछी ड्राइवर चला रहा था. उसे दोरोगोमीलोवो भाग में
एक सुनसान कब्रिस्तान के निकट उतारकर पंछी ड्राइवर ने कार का एक पहिया निकाला, उस
पर सवार हुआ और गायब हो गया. जाने से पहले उसने कार को एक गहरी खाई में धकेल दिया,
जहाँ वह एक विस्फोट के साथ जल गई.
एक कब्र के पीछे से एक काला रेनकोट
प्रकट होता है, जिसमें अज़ाज़ेलो है. उसने इशारे से मार्गारीटा को उसके ब्रश पर
बैठने को कहा, वह स्वयँ भी कूदकर उस पर बैठ गया और वे दोनों बिना किसी को दिखे ज़ूs s s म से उड़ चले. कुछ ही पल बाद
वे सादोवाया रास्ते पर बिल्डिंग नंबर 302 के पास उतरे और चल पड़े फ्लैट नं. 50 की
ओर. तो, फ्लैट नं. 50 अब एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है.
चलते चलते वे तीन आदमियों को देखते
हैं जो देखने में बिल्कुल एक जैसे लग रहे थे, मानो एक दूसरे की प्रतिकृतियाँ हों.
ये तीनों आदमी उस बिल्डिंग पर और फ्लैट नं. 50 पर नज़र रख रहे थे. कृपया ध्यान दें
कि इन तीनों आदमियों की अपनी कोई पहचान नहीं थी, वे बड़े यांत्रिक तरीके से अपना
काम कर रहे थे...उन्हें एक दूसरे की प्रतिकृतियाँ तो होना ही था!
अज़ाज़ेलो ने अपनी चाभी से दरवाज़ा
खोला.
कमरे में प्रवेश करते ही मार्गारीटा को
जिस बात ने चौंकाया वह था उस जगह का आकार-प्रकार और वहाँ छाया हुआ अँधेरा. उसे ऐसा
महसूस हुआ मानो वह एक सीढ़ियों वाले अंतहीन हॉल में है, जहाँ बड़े बड़े स्तम्भों की
कतार है और घुप अन्धेरा छाया हुआ है. वह इस बात पर अचरज कर ही रही थी कि मॉस्को के
साधारण फ्लैट में इतना सब कैसे समा सकता है, तभी उसने देखा कि एक आदमी हाथ में
मोमबत्ती पकड़े हॉल की सीढ़ियाँ उतरते हुए उनके पास आ रहा है. यह कोरोव्येव था.
कोरोव्येव मार्गारीटा को समझाता है
कि जिन्हें पाँचवे आयाम का ज्ञान है उनके लिए किसी भी छोटी जगह को मनचाहा आकार
देना बहुत आसान है. उसने उसे मॉस्को के एक दुःसाहसी व्यक्ति का उदाहरण दिया जिसने
बगैर किसी आयाम-वायाम के ज्ञान के अपने फ्लैट्स में पार्टीशन्स खड़े कर करके कमरों की
संख्या को बढ़ा लिया और फिर उन्हें निरंतर बड़े फ्लैट्स से बदलता रहा. मगर अधिकारियों
को उसके कारनामों का पता चल गया और उसकी गतिविधियों का अंत हो गया.
कोरोव्येव मार्गारीटा को समझाता है
कि उसे यहाँ क्यों बुलाया गया है:
“चलिए, काम की बातें करें,
काम की बातें, मार्गारीटा निकोलायेव्ना! आप बहुत बुद्धिमान महिला हैं, और, बेशक,
समझ गई हैं, कि हमारा मालिक कौन है.”
मार्गारीटा का दिल धक् हो
गया. उसने अपना सिर हिला दिया.
“वही, वही तो...” कोरोव्येव बोला, “हम सभी छिपाने के और रहस्यों
के दुश्मन हैं. हर साल हमारे मालिक एक बॉल (नृत्योत्सव) का आयोजन करते हैं. इसे
बसंत पूर्णिमा का या शतनृप नृत्योत्सव कहते हैं. ऐसी भीड़!” अब कोरोव्येव ने गाल पर हाथ
रख लिया, मानो उसका दाँत दर्द कर रहा हो, “ख़ैर, मैं उम्मीद करता हूँ कि
आपको खुद भी विश्वास हो जाएगा. तो, बात यह है कि मालिक कुँआरे हैं जैसा कि आप ख़ुद
ही समझ रही हैं, मगर महिला मेज़बान तो होना ही चाहिए,” कोरोव्येव ने हाथ हिलाते
हुए कहा, “आप ख़ुद ही जानती हैं कि मालकिन के बिना...”
मार्गारीटा एक-एक शब्द ध्यान
से सुन रही थी: उसके दिल को बड़ी ठण्डक मिल रही थी; सुख की कल्पना से उसका सिर घूम
रहा था.
“यह प्रथा पड़ गई है,” कोरोव्येव आगे बोला, “कि नृत्योत्सव की मेज़बान का
नाम मार्गारीटा ही होना चाहिए, यह तो हुई पहली बात; और दूसरी यह कि वह स्थानीय
निवासी होना चाहिए; और जैसा कि आप देख रही हैं, हम हमेशा सफर करते रहते हैं और इस
समय मॉस्को में हैं. हमें मॉस्को में एक सौ इक्कीस मार्गारीटा मिलीं, मगर विश्वास
कीजिए,” कोरोव्येव ने अपनी जाँघ पर हाथ मारते हुए कहा, “एक भी इस लायक नहीं निकली.
अब, आख़िर में, सौभाग्य से...”
कोरोव्येव अर्थपूर्ण ढंग से
हँसा, “बिल्कुल संक्षेप में...आप इस ज़िम्मेदारी से इनकार तो नहीं
करेंगी?”
“नहीं करूँगी,” मार्गारीटा ने दृढ़तापूर्वक
उत्तर दिया.
“बेशक!” कोरोव्येव ने कहा, और लैम्प
उठाकर बोला, “कृपया मेरे पीछे-पीछे आइए.”
मार्गारीटा को वोलान्द के पास ले
जाया जाता है. वोलान्द को विश्वास हो जाता है कि मार्गारीटा एक बुद्धिमान और
सलीकापसन्द महिला है.
वोलान्द का वर्णन करने के बाद
बुल्गाकोव उसके घुटने के दर्द का वर्णन करता है, जो उसे तब से था जब उसे स्वर्ग से
बाहर फेंक दिया गया था.
बुल्गाकोव रेडियो पर समाचार पढ़ने
वाली लड़कियों का मखौल उड़ाता है जिनके उच्चारण सही नहीं होते.
मार्गारीटा का ध्यान वोलान्द के पलंग
के पास रखे एक ग्लोब की ओर आकर्षित होता है, जो बिल्कुल वास्तविक नज़र आ रहा था.
ग्लोब में दुनिया में घटित हो रही घटनाएँ स्पष्ट नज़र आ रही थीं. उसे अबादोना भी
दिखाया जाता है, जो मौत का फ़रिश्ता है.
मार्गारीटा को वोलान्द की टीम पसन्द
आ गई जिसमें शामिल थे अज़ाज़ेलो, कोरोव्येव, सुन्दरी हैला और बेगेमोत.
अब वे सभी नृत्योत्सव के लिए तैयार
हो रहे थे जो अर्ध रात्रि में आरम्भ होने वाला था.
हम मार्गारीटा के साथ ही रहेंगे!