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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

Zoya's Flat(Hindi) - 1.1.2


ज़ोया का फ्लैट – 1.1.2
अल्लीलूया – ये, ज़ोया देनिसोव्ना, ठीक नहीं है. मैं तो दोस्ती की ख़ातिर आपको आगाह कर रहा हूँ, और आप मुझे घुमा रही हैं. मान्यूश्का – भतीजी! आप हँस क्यों रही हैं? वो आपकी भतीजी वैसी ही है, जैसे मैं आपकी बुआ.
ज़ोया – अल्लीलूया, आप बड़े बदतमीज़ हैं.
अल्लीलूया - पहला कमरा भी ख़ाली है.
ज़ोया – माफ़ करना, वो दौरे पे गया है.
अल्लीलूया – क्या कह रही हैं, ज़ोया देनिसोव्ना! वह तो मॉस्को में है ही नहीं. साफ़-साफ़ कहूँ: उसने आपको फार्फोत्रेस्त से एक चिट्ठी भेज दी और साल भर के लिए पिंड छुड़ा लिया. बड़ी जादुई चीज़ है. और मुझे आपकी वजह से जनरल बॉडी मीटिंग क्या-क्या सुनना पड़ा, बड़ी मुश्किल से बच कर भागा. औरतें चीख़ती रहीं – कहती हिं, तुम पेल्त्स को बच रहे हो. तुमने , शायद, उससे रिश्वत ली है. और भूलिए मत कि मैं उम्मीदवार हूँ.
ज़ोया – तुम्हारी गैंग आख़िर चाहती क्या है?
अल्लीलूया -  ये आप किसके बारे में कह रही हैं?
ज़ोया – वो, जनरल बॉडी, वो मीटिंग के बारे में.
अल्लीलूया – याद रखिए, ज़ोया देनिसोव्ना, ऐसे अल्फ़ाज़ के लिए आपको पछताना पड़ेगा. मेरी जगह अगर कोई दूसरा होता तो...
ज़ोया – यही तो बात है कि तुम ही अपनी जगह पर हो, कोई और नहीं.
अल्लीलूया – आपके कमरों में कुछ लोगों को रखने का फ़ैसला हुआ है. और, आधे लोग तो कह रहे थे कि आपको यहाँ से निकाल ही दिया जाए.
ज़ोया – निकाल दिया जाए? (मुक्का दिखती है.)
अल्लीलूया – इसका क्या मतलब है?
ज़ोया – आप समझ रहे होंगे कि यह मुक्का है.
अल्लीलूया – बस, ज़ोया देनिसोव्ना! मैं देख रहा हूँ कि आप सीधे से बात करना नहीं चाहतीं. सिर्फ मुक्कों से ज़्यादा देर काम न चलेगा. अगर कल आपके फ्लैट में एक मज़दूर को न बसाया तो मेरा मरा मुँह देखें. देखता हूँ कि आप कैसे उसके सामने मुक्के नचाती हैं. माफ़ी चाहता हूँ. (जाने लगता है.)
ज़ोया – अल्लीलूया, आल्लीलुयचिक! मुझे बताइए, कि आपके इस मज़दूरों के सहकारी आवास गृह में पहली मंज़िल पर बोरिस सिम्योनोविच गूस-रिमोंत्नी ने अकेले ही सात कमरे क्यों हथिया रखे हैं?
अल्लीलूया – माफ़ी चह्ता हूँ, गूस ने उस फ्लैट को काँट्रैक्ट पर लिया है. सात सौ डॉलर्स दिए हैं, कानूनन. वह पूरे घर को गरम करता है.
ज़ोया – माफ़ करना, एक बेबाक सवाल पूछूँ: उसने आपको कितने दिए थे फ़िर्सोव से वह फ्लैट छीनने के लिए?
अल्लीलूया – आप, ज़ोया देनोसोव्ना, ज़ुबान को लगाम दें, मैं एक ज़िम्मेदार आदमी हूँ: उसने मुझे कुछ भी नहीं दिया.
ज़ोया – आपके कोट की भीतरी जेब में डॉलर्स पड़े हैं BM 425900 से 425949 तक, 1922 में छापे गए.
(अल्लीलूया कोट की भीतरी जेब में हाथ डालता है, डॉलर्स निकालता है और उसका चेहरा फक् पड़ जाता है.)
वाह, वाह! हाऊसिंग कमिटी – आँख है. झपकती नहीं.. हाऊसिंग कमिटी – आँख है, और हाऊसिंग कमिटी के ऊपर भी एक आँख हैं.
अल्लीलूया – आप, ज़ोया देनिसोव्ना, काला जादू जानती हैं, मैंने पहले ही भाँप लिया था. आप सामाजिक दृष्टि से ख़तरनाक चीज़ हैं!
ज़ोया – मैं ख़तरनाक ज़रूर हूँ, मगर सिर्फ़ उनके लिए जो मेरे लिए ख़तरनाक हैं, अच्छे लोगों के लिए तो अच्छी ही हूँ.
अल्लीलूया – मैं तो एक भले पड़ोसी की तरह आपसे बात करने आया था, मगर आप तो मुझे अजूबे दिखला रही हैं.
ज़ोया – आ SSS! अब बात दूसरी है. प्लीज़, बैठिए.     
अल्लीलूया – (घबरा गया है) शुक्रिया.
ज़ोया – तो: मान्यूश्का को और जादुई व्यक्ति को संभाल लेना होगा.
अल्लीलूया – मेरा यक़ीन कीजिए, ज़ोया देनिसोव्ना, मान्यूश्का को सम्भालना नामुमकिन है. पूरी बिल्डिंग जानती है कि वह नौकरानी है, और, हो सकता है कि उसे किचन के साथ वाले कमरे में भगा दें. हाँ, जादुई व्यक्ति का ध्यान मैं रख लूँगा: उसके पास आइडेंटिटी कार्ड है.
ज़ोया – चलो, ठीक है. यक़ीन कर लेती हूँ. एक आदमी को अपने फ्लैट में जगह दे दूँगी.
अल्लीलूया – और बाकी कमरों का क्या होगा? आज तो आख़िरी तारीख है.
ज़ोया – बाकी के कमरों का, माई डियर, हम ये करेंगे. (कागज़ निकालती है.) ग़ौर फ़रमाइए.
अल्लीलूया – (पढ़ता है) “एतद् द्वारा नागरिक ज़ोया देनिसोव्ना को टेलरिंग स्कूल तथा शो-रूम खोलने की इजाज़त दी जाती है...” ओsss.होsssहो...
ज़ोया – स्कूsssल भी.             
अल्लीलूया – सब समझते हैं , छोटे थोड़े ही  हैं...(पढ़ता है) “...मज़दूरों और कर्मचारियों की पत्नियों के कपड़े सीने के लिए...हsssम् ...अतिरिक्त जगह ...सोलह सझेन(16X 7 वर्ग फुट)शिक्षा विभाग के तहत” (उत्तेजना से) हुर्रे! माफ़ कीजिए. ये...ये आपको किसने लाके दिया?
ज़ोया – क्या फ़रक पड़ता है?
अल्लीलूया - यह कागज़ भेजा है आपको गूस ने. मगर, मालूम है, ज़ोया देनिसोव्ना, अगर आप औरत न होतीं तो मैं ज़रूर कहता कि आप जीनियस हैं.
ज़ोया – आप ख़ुद ही जीनियस हैं. पाँच साल में मुझे पूरा नंगा कर दिया, और अब – जीनियस. आपको याद है, मैं क्रांति से पहले कैसे रहा करती थी?
अल्लीलूया – आपके रुतबे का हमें पता है. मगर, क्या आप सचमुच सिलाई सेंटर खोलना चाहती हैं?
ज़ोया – क्यों नहीं? आप देख रहे हैं कि मैं रफ़ू की हुई स्टॉकिंग्ज़ पहने हूँ. मैं, ज़ोया पेल्त्स! तुम्हारी इस सरकार से पहले मैंने न तो कभी रफ़ू किया हुआ कपड़ा पहना बल्कि कभी भी एक कपड़ा दुबारा नहीं पहना.
अल्लीलूया – पैर आपके कितने...
ज़ोया – ख़बरदार! पैर! तो, आदरणीय कॉम्रेड, इस कागज़ की कॉपी आपके डाकुओं को भेज दूँगी, और सब ख़तम. मैं नहीं हूँ. मर गई पेल्त्स. फिर कभी पेल्त्स से बात न करना.
अल्लीलूया – हाँ, इस कागज़ के बाद तो कोई सवाल ही नहीं. अब मामला आसान हो गया. मेरे दिल से जैसे बोझ उतर गया.

ज़ोया – दिल से बहुत बड़ा बोझ उतरेगा, शक करने का सवाल ही नहीं – विश्वास करना पड़ेगा, रोना भी पड़ेगा...ख़ैर, मुझे म्यूर के यहाँ से आज पाँच डॉलर वाला नोट दिया गया, मगर वह जाली निकला. ऐसे  नीच हैं!  देखिए, प्लीज़, आप तो डॉलर्स पहचानने में माहिर हैं...

अल्लीलूया – आह, ज़ुबान. क्या ज़ुबान है आपकी. (रोशनी में नोट देखता है.) अच्छी है नोट.

ज़ोया – और मैं कह रही हूँ कि जाली है.

अल्लीलूया – अच्छी है नोट.

ज़ोया – जाली है! जाली है! औरतों से बहस न कीजिए; इस दलिद्दर को ले जाइए और फेंक दीजिए.

अल्लीलूया – ठीक है, फेंक देंगे. (नोट अपनी अटैची में डाल लेता है.) हो सकता है, मान्यूश्का भी यहीं रह जाए...

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