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सोमवार, 2 जुलाई 2012

Discussion on Master & Margarita(Hindi) - 2.5


अध्याय – 2.5

हम देखते हैं कि इस अध्याय में 4 प्रमुख पात्र हैं:

पोन्ती पिलात, जो येरूशलम में सम्राट सीज़र का प्रतिनिधि है;

येशुआ-हा-नोस्त्री जिस पर यह इल्ज़ाम लगाया गया है कि उसने लोगों को येरूशलम का मन्दिर नष्ट करने के लिए उकसाया है;

मार्क क्रिसोबोय, सुरक्षा बलों का प्रमुख जो सबसे ऊँचे सैनिक से भी ऊँचा है;

कैफ, जो धर्म गुरू है.

मगर  दो अन्य पात्र भी हैं, जिन के बारे में कुछ वर्णन इस अध्याय में मिलता है:
सीज़र और काला टोप पहना आदमी, जिससे पिलात कुछ क्षणों के लिए अन्धेरे कमरे में मिलता है.
सीज़र येरूशलम में उपस्थित नहीं है, मगर उनकी उपस्थिति का आभास सदैव होता रहता है.

इसीलिए जब येशुआ पर दूसरा इल्ज़ाम लगाया जाता है – महान सम्राट के प्रति अनादर प्रदर्शित करने का – तो पिलात समझ जात हि कि वह हा-नोस्त्री को अवश्य्म्भावी मृत्यु से नहीं बचा पाएगा. वह येशुआ को इशारों से बताने की कोशिश करता हि कि वह इस इलज़ाम से इनकार कर दे, मगर येशुआ स्वीकार करता है कि उसने लोगों को राजाओं के शासन के बारे में बताया है : सरकार लोगों पर ज़्यादती करने का साधन ही तो है...और एक ऐसा समय आएगा जब धरती पर कोई शासक नहीं बचेगा और विश्व सत्य और न्याय के साम्राज्य में प्रवेश कर जाएगा.

बस, यहीं सब कुछ समाप्त हो गया.

पिलात निचली अदालत द्वारा येशुआ को दिए गए मृत्यु दण्ड की पुष्टि करता है और अपने हाथ मलता है, जैसे उन्हें धो रहा हो.

पिलात सीज़र से डरता है, जबकि कैफ सीज़र से पिलात की शिकायत करने का कोई मौका नहीं छोड़ता. पिलात जो प्रशासनिक प्रमुख है, और कैफ, जो सैद्धांतिक/राजनैतिक प्रमुख है, एक दूसरे से बेहद घृणा करते हैं. मगर साथ ही, वे सावधान भी हैं कि कोई उनकी बातें न सुन ले. कैफ चाह्ता है कि येशुआ को मौत की सज़ा दे दी जाए, जबकि पिलात उसे बचाना चाहता हि, मगर उसे एहसास हो जाता है कि वह ऐसा नहीं कर पाएगा.

पवित्र बाइबल में इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिलात के मन में येशुआ के प्रति किन्हीं कोमल भावनाओं का जन्म हुआ था.

सीज़र के चित्रण पर ध्यान दीजिए. उसके माथे के फोड़े पर...

इन बिन्दुओं पर हम अध्याय 16, 25 और 26 के बारे में चर्चा करते समय सोचेंगे.

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