ज़ोया का फ्लैट – 3.1.2
मान्यूश्का – मुझसे पूछना पड़ेगा कि मैं
तुमसे शादी करूँगी या नहीं. मैंने क्या तुम्हारे साथ कॉंट्रैक्ट पर दस्तख़त किए
हैं? ऐख़, टेढ़े!
खेरूविम – आ! तुम गाज़ोलिन से सादी बनाती?
मान्यूश्का – गाज़ोलिन से ही सही. मैं आज़ाद
लड़की हूँ. अगर मेरी ख़ुशामद करनी है, तो सही तरीके से करो, जिससे मैं राज़ी हो जाऊँ.
ऐख़, शंघाई के जूते दिखाने लगे. मैं तुमसे डरने वाली नहीं!
खेरूविम – गाज़ोलिन?
मान्यूश्का – कोई बात नहीं, कोई बात
नहीं...
खेरूविम (भयानक मुद्रा में) –
गाज़ोलिन?
मान्यूश्का – क्या करते हो, क्या करते
हो...
खेरूविम – आप्! (मान्यूश्का का गला पकड़
लेता है) मैं अब्बी तुजे कात देती.
(मान्यूशा की साँस
रुकने लगती है.)
तू बोल, गाज़ोलिन को सूमा?
मान्यूश्का- ऊ...ऊ...गला छोड़ो, फ़रिश्ते!
खेरूविम (चाकू निकाल लेता है) –
गाज़ोलिन को सूमा?
मान्यूश्का – मेरी तक़दीर की खोटी है. भगवान,
अपनी इस गुलाम मारिया को अपनी पनाह में ले ले.
खेरूविम – सूमा?
मान्यूश्का – खेरूविम्चिक, शीशे जैसे
खेरूविम्चिक...एक बार. इस यतीम को न मारो, मेरी जवानी पे रहम खाओ.
खेरूविम (चाकू छिपाकर) – गाज़ोलिन
से सादी बनाती?
मान्यूश्का – नहीं, नहीं, नहीं.
खेरूविम – किसके सात लहती, तोला-तोला?
मान्यूश्का – क़सम खाती हूँ, किसी के भी
साथ न रहूँगी.
खेरूविम – मेले सात लहती?
मान्यूश्का – नहीं, नहीं... हाँ, हाँ. ये,
कॉम्रेड्स, ये क्या कर रहा है?
खेरूविम – मैं सादी का पलस्ताव लखती.
मान्यूश्का – तो ये है प्रस्ताव. ओय, ओय,
शंघाई का प्रस्ताव! ओय, ओय, चाकू वाला दूल्हा!
खेरूविम – मैं तुमसे प्याल कलती. बहुत
पियाल कलती. हम सनहाई में काम कलती तुमाले सात. अपीम बेसती. खुस लहती. तुम सीनी
बस्से पैदा कलना, थोला-तोला, बहुत साले बस्से, सात, आठ, दस.
मान्यूश्का – दस, मैं फाँसी लगा लूंगी.
खेरूविम – नइ , नइ. इदल मासको में सब बो—ल,
फाँसी लगा लेती, सनहाई में सीनी कुस लहता.
मान्यूश्का – तुम मुझे मारा करोगे?
खेरूविम – नइ, नइ, नइ मालती. मैं सिलफ,
दूसले सीनी को सूमी तो गला सील दूँगी.
मान्यूश्का – शुक्रिया.
खेरूविम – कोई बात नइ. अब तू सुन. हम
जल्दी से बाग जाती. मैंने बोत पैसे लेती, बोत साले दॉलल्स.
मान्यूश्का – कहाँ से?
खेरूविम – सुप!
मान्यूश्का – ओय, खेरूविम्का, तुम कुछ
छिपा रहे हो?
खेरूविम – सिपाती...
घण्टी.
मान्यूश्का – किचन में दौड़ जा.
खेरूविम गायब हो
जाता है. मान्यूश्का दरवाज़ा खोलती है.
ओह, भगवान, माई गॉड!
गाज़ोलिन – नमत्ते, मानूस्का.
मान्यूश्का – ओय, भाग जा, गाज़ोलिन!
गाज़ोलिन – नई, मैं कों बागती? मैं नई
बागती. तू अकेली है, मानूस्का? मैं तेले को पलस्ताव कलने को आयी.
मान्यूश्का – क्या, प्रस्ताव?
गाज़ोलिन – सन्दे. लान्दली बन्द.
मान्यूश्का – गाज़ोलिनूश्का, क्या इरादे
हैं? भाग, भाग जा.
गाज़ोलिन – नई, कायकू ज़ाती? आ, मानूस्का.
तू मेले को क्या बोली, आं? बोली, प्याल कलती. दोका दी गाज़ोलिन को.
मान्यूश्का – क्या बकते हो, मैंने तुमसे
कुछ भी नहीं कहा. भाग जाओ, फ़ौरन भागो. क्या दादागिरी लगा रखी है. मैं अभी ज़ोया
देनिसोव्ना को पुकारती हूँ.
गाज़ोलिन – तू ज़ूत बोलती. गल में कोई नई. तू,
मानूस्का, बोत ज़ूत बोलती. लोज़ तोला-तोला ज़ूत बोलती, औल मैं तेले पियाल में दिवाना
होती.
मानूश्का – तुम्हारे पास छुरा है? बोलो,
अगर छुरा हुआ तो अभी ‘पुलिस-पुलिस’ चिल्लाऊँगी.
गाज़ोलिन – मैं सुला लेकल आती. पलस्ताव
कलने को.
खेरूविम (अचानक) – कौन पलस्ताव कलती?
गाज़ोलिन – आ-आ-आ...तो ये है, असिस्तन्त,
आँ, असिस्तन्त. आह तू, सुअल का बस्सा!
खेरूविम – तू फिलेत से बाग, बाज ज़ा! ये
मेला फिलेत है, ज़ोया का, मेला.
मान्यूश्का – ओय, इसका क्या मतलब है!
गाज़ोलिन – तेला? दाकू! हदप लिया ज़ोया वाला
फिलेत. मैंने तुज़े सदक से उताया, तू कुत्ते जैसा गूमता ता, औल तू...पलेसान न कल.
मैं मानूस्का से पलस्ताव कलूँगी.
खेरूविम – मैंने पेले ई कल दिया. वो मेली
बीबी है. मेले सात लहती.
गाज़ोलिन – ज़ूत, मेले सात लहती.
मान्यूश्का – झूठ, झूठ, झूठ! खेरूविम्चिक,
मेरे हीरे, बस एक बार ‘किस’ किया था.
खेरूविम – ज़ूत, मेले फिलेत से बाग जा.
गाज़ोलिन – तू बाग! मैं पुलिस को सब बताती,
तू कैसा सीनी होता!
खेरूविम – पुलिस को बतायेगी?
मान्यूश्का – ख़रगोशों, प्यारों! सिर्फ
छुरा न चला देना राक्षसों!
खेरूविम और गाज़ोलिन
भिड़ जाते हैं.
खेरूविम (गाज़ोलिन पर छुरा लेकर झपटता
है) – आप्!
मान्यूश्का – पुलिस, पुलिस, पुलिस!
गाज़ोलिन – पुलिस! (शीशे वाली अलमारी
में घुस जाता है.)
खेरूविम भी छुरा
लेकर अलमारी की ओर लपकता है. अचानक घण्टी बजती है.
मान्यूश्का – हे भगवान, लाख लाख शुक्र है!
छुरा फेंक, शैतान सिरफिरे! कैम्प में भेज देंगे तुझे! घण्टी बजी है, बुद्धू! किचन
में भाग!
खेरूविम (चाभी से अलमारी बन्द करते
हुए) – मैं उसे बाद में सील दूँगा! (चाभी जेब में छिपाता है और गायब हो
जाता है.)
मान्यूश्का – ओह, मेरे भगवान! (प्रवेश कक्ष
में भागती है) कौन चाहिए, कॉम्रेड?
मोटा – आप ही के यहाँ से कोई ‘पुलिस,
पुलिस’ चिल्लाया न?
मान्यूश्का – क्या कहते हैं, क्या कहते
हैं, कैसा ‘पुलिस, पुलिस’. वो तो मैं गा रही थी.
मोटा – आपकी आवाज़ बड़ी मीठी है, कॉम्रेड!
मान्यूश्का – आपको किससे मिलना है,
कॉम्रेड?
प्योस्त्रूखिन – हम, कॉम्रेड, एजुकेशन
डिपार्टमेंट से आए हैं. हमें अपना सिलाई-घर तो दिखाइए.
मान्यूश्का – डाइरेक्टर अभी हैं नहीं, आज
संडे है, पढ़ाई भी नहीं होगी.
मोटा – और आप कौन हैं?
मान्यूश्का – मैं मॉडेल-स्टुडेंट हूँ.
प्योस्त्रूखिन – तो फिर आप ही दिखा दीजिए,
हमारे पास टाइम नहीं है.
मान्यूश्का – तो फिर आइए.
मोटा – यहाँ क्या होता है?
मान्यूश्का – ये...यहाँ नाप ली जाती है.
मोटा – अच्छा कमरा है. आप क्या सिर्फ अमीर
मैडमों के ही कपड़े सीती हैं?
मान्यूश्का – अमीर मैडमों के ही क्यों
सीने लगे, गरीब कामकाजी औरतों के भी सीते हैं, मज़दूरों के लिए भी सीते हैं.
प्योस्त्रूखिन – हमें मज़दूर औरतों का कोई
यूनिफॉर्म दिखाइए.
मान्यूश्का – अभी लीजिए.
परदा खींचती है,
स्कर्ट्स के बीच में खेरूविम दुबका बैठा है.
मोटा – तो ऐसा है यूनिफॉर्म! चीनी.
मान्यूश्का – ये तो लाँड्री से हमारे यहाँ
आता है, स्कर्ट्स पर इस्त्री करता है.
प्योस्त्रूखिन – आ! स्कर्ट्स पर.
मोटा – तू, आवारा, क्या काम के पैसे पाता
है?
खेरूविम – पैसे.
मोटा – कर, इस्त्री कर, हम तुझे तंग नहीं
करेंगे. (परदा बन्द कर देता है.)
प्योस्त्रूखिन – ओ.के. यहाँ सिलाई-घर में
रहता कौन है?
मान्यूश्का – पेल्त्स, डाइरेक्टर, और फिर
मैनेजर अलेक्सान्द्र तारासोविच अमेतिस्तोव.
मोटा – बड़ा ख़ूबसूरत नाम है. और कौन?
मान्यूश्का – और मैं.
प्योस्त्रूखिन – आप, कॉम्रेड, जन्म से कौन
हैं?
मान्यूश्का – मेरे पिता किसान थे.
मोटा – और अब वो कौन हैं?
मान्यूश्का – भगवान को प्यारे हो गए.
मोटा – बड़े अफ़सोस की बात है, और माँ?
मान्यूश्का – वे मज़दूर हैं.
मोटा – कहाँ काम करती हैं?
मान्यूश्का – उनकी, ताम्बोव के बाज़ार में
एक छोटी-सी घुमटी है.
मोटा – कमाल की हैं आपकी माताजी. अच्छा,
प्यारे कॉम्रेड, हमें बाकी की जगह भी दिखाइए.
मान्यूश्का – लीजिए, यह छोटा नाप वाला
कमरा. (मोटे के साथ गायब हो जाती है.)
वानेच्का (फुसफुसाकर) – कॉम्रेड प्योस्त्रूखिन,
दिस इज़ इम्पॉसिबल. वो तो अच्छा हुआ कि हम बेवकूफ़ नौकरानी से टकरा गए, वर्ना अगर
यहाँ अमेतिस्तोव होता तो, .....यहाँ सब गड़बड़ है. मैं उससे कहता हूँ: सरकारी महकमे
से नुकीली दाढ़ियाँ बनवाते हैं, और वह ख़ास आर्थिक ज़िन्दगी की बात करता है. (दाढ़ी
उतारता है.) इसी दाढ़ी से उसका मुँह घिसना चाहिए. बेईमान. ऐसे हज्जामों को तो बाहर
भगा देना चाहिए.
प्योस्त्रूखिन – भुनभुनाओ मत, वानेच्का.
हरकत में आओ.
वानेच्का दाढ़ी लगा
लेता है, पारे की तरह चमकने लगता है, मेज़ें देखता है, दराज़ें खोल-खोलकर देखता है,
परदे हटाता है, नग्न स्त्री की तस्वीर देखता है.
ओ-ओ-ओ
क्या बात है!
वानेच्का – सही फ़रमाया. मैं न कहता था,
कॉम्रेड प्योस्त्रूखिन, ख़ास फ्लैट है.
प्योस्त्रूखिन - भुनभुनाओ मत, वानेच्का. काम करो.
वानेच्का गाज़ोलिन
वाली अलमारी खोलता है.
गाज़ोलिन (दबी आवाज़ में) – पुलिस.
प्योस्त्रूखिन – ये क्या बात है, यारों?
जहाँ भी देखो – चीनी ही चीनी.
वानेच्का – करेक्ट.
प्योस्त्रूखिन – बैठे हो?
गाज़ोलिन – बैता हूँ.
प्योस्त्रूखिन – तुम यहाँ क्या करते हो?
गाज़ोलिन – मैं तोला-तोला सिप गया. अबी
मुज़े खेलूविम्का – दाकू छुले से मालती.
प्योस्त्रूखिन – कैसे मारेगा?
गाज़ोलिन – वो इदल ही होती, दाकू
खेलूविम्का, सेन-ज़िन-पो.
प्योस्त्रूखिन – वो जो अभी यहीं बगल में
बैठा था?
गाज़ोलिन – हाँ, हाँ, मुज़े तोला-तोला
बचाइए.
प्योस्त्रूखिन – बचायेंगे, बचायेंगे,
घबराओ मत.
वानेच्का – बिल्कुल.
प्योस्त्रूखिन (फुसफुसाते हुए) –
और खेरूविम्चिक फ्लैट में क्यों आता है?
गाज़ोलिन – वह कमीना, दाकू है. इदल अपीम
लाती. इदल पिलैत में अपीम का कस लगाते. सब नाचते पिलैत में.
प्योस्त्रूखिन – वाह, वाह, क्या बात है!
वानेच्का, आप इसे जानते हैं?
वानेच्का – बिल्कुल. गान-ज़ा-लिन, सादोवाया
पर लाँड्री है.
प्योस्त्रूखिन – तो ये बात है, दोस्त.
अलमारी से बाहर निकलो, अपने घर पहुँचो और वहाँ इंतज़ार करो. हम तुम्हारे पास अभी
आएँगे. सब कुछ बताना. सिर्फ तू, जनाबे आली, भागने की कोशिश न करना. हम तुझे
समुन्दर की तह से भी ढूँढ निकालेंगे.
वानेच्का – बिल्कुल.
गाज़ोलिन – मैं नई बागती. सिलफ तुम खेलूविम
को पकल लो, वो दाकू होती, वो पहले ही एक आदमी को माल दाली, पुलिस उसे दूँदती.
प्योस्त्रूखिन – हौसला रखो. चलो घर जाओ.
गाज़ोलिन ग़ायब हो
जाता है. वानेच्का उसके पीछे प्रवेश द्वार बन्द करता है.
ऐसी बात है. (अलमारी को चाभी से बन्द
करता है.)
मोटा (मान्यूश्का के साथ अन्दर आते
हुए) – बढ़िया. रोशनी भी है, सफ़ाई भी. बढ़िया रखा है घर, कॉम्रेड प्योस्त्रूखिन.
प्योस्त्रूखिन – हाँ, ठीक कह रहे हैं. और
यह तो बताइए, डियर कॉम्रेड, वहाँ आपकी अलमारी में क्या है?
मान्यूश्का – वहाँ...वहाँ...कपड़े हैं तरह
तरह के. मेरे पास तो चाभी नहीं है, चाभी डाइरेक्टर के पास है.
प्योस्त्रूखिन – तो फिर, रहने दीजिए. फिर
कभी आकर देख लेंगे. तो, कॉम्रेड मॉडेल, ऐसी बात है. डाइरेक्टर साहिबा को बता दीजिए
कि एजुकेशन डिपार्टमेंट से कमिटी आई थी, सब कुछ देखा, सिलाई-घर में सब कुछ ठीक-ठाक
पाया. हम उन्हें सरकारी कागज़ भेजेंगे.
मोटा – सलाम कहिएगा.
वानेच्का – बिल्कुल.
प्योस्त्रूखिन – अलबिदा.
जाते हैं.
मान्यूश्का उनके पीछे दरवाज़ा बन्द करके लौटती है.
खेरूविम (छुरा लिए तूफ़ान की तरह आता
है) – चले गए! पुलिस को बोल, मैं तुज़े बोलती! (अलमारी की ओर भागता है.)
मान्यूश्का – शैतान! पुलिस!
खेरूविम अलमारी
खोलता है, वह ख़ाली है.
क्या है, ये क्या हो रहा है?!
आँखें निकालते हुए
खेरूविम की ओर देखती है, खेरूविम उसकी ओर. स्टेज पर अंधेरा हो जाता है. रात.
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