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शुक्रवार, 29 मार्च 2013

Zoya's Flat (Hindi) - 3.1.1


ज़ोया का फ्लैट – 3.1.1

प्रथम प्रवेश –

ज़ोया के फ्लैट में शिशिर की शाम. फूलदानों में फूल. अमेतिस्तोव फ्रॉक-कोट पहने हुए. अल्लीलूया भेदभरे अंदाज़ में फुसफुसाता है.
अमेतिस्तोव – कौन ज़हरीला इंसान ये कह रहा है?
अल्लीलूया – कहाँ का ज़हरीला इंसान! लोग कह रहे हैं. कहते हैं, फ्लैट में लोग आते-जाते हैं.
अमेतिस्तोव – आदरणीय लॉर्ड-मेयर, अगर यह सिलाई-घर है तो लोग कैसे नहीं आएँगे?
अल्लीलूया – रात में फॉक्सट्रॉट होता है. मेरी हालत भी तो समझिए.
अमेतिस्तोव – हालत के बारे में. शायद ज़ोया देनिसोव्ना ने आपको बिजली के बिल के दो डॉलर्स नहीं दिए हैं?
अल्लीलूय – तीन.
अमेतिस्तोव – ढाई.
अल्लीलूया – नहीं, तीन.
अमेतिस्तोव – ओ.के. तीन तो तीन. प्लीज़!
अल्लीलूया – रसीद कल भेज दूँगा.
अमेतिस्तोव – भाड़ में जाए रसीद और लालफ़ीताशाही. परेशान न होइए.
(हिचकी की आवाज़ निकालता है) ईक! गो टू हेल!
अल्लीलूया – हिचकियाँ क्यों आ रही हैं? कोई याद कर रहा है.
अमेतिस्तोव – मालूम नहीं कौन है!
अल्लीलूया – तो, आप, अलेक्सान्द्र तारासोविच, अपने फॉक्सट्रॉट्स के बारे में होशियार रहिए, वर्ना मुसीबत टपकने में देर न लगेगी. क्या आपके यहाँ आज फिर मेहमान आने वाले हैं?
अमेतिस्तोव – हाँ, एक छोटी-मोटी पार्टी है.
अल्लीलूया – तो, अब इजाज़त चाहूँगा.
अमेतिस्तोव – हाथ मिलाने की आदत बदल रही है. ही...ही...मज़ाक कर रहा हूँ. बाय-बाय!
अल्लीलूया जाता है.
मैंने अपनी ज़िन्दगी में बहुत रिश्वतखोरों को देखा है, मगर यह अल्लीलूया हमारी ज़िन्दगी की एक बड़ी ख़ास चीज़ है. ईक! भाड़ में जाए! क्या मैंने खाने में मछली ज़्यादा खा ली?
ओबोल्यानिनोव परछाई की तरह आता है, फ्रॉक कोट पहने, उकताया हुआ.
ईक! पार्डन!
टेलिफोन की घण्टी बजती है.
खेरूविम, टेलिफोन.
खेरूविम (फोन में) – सुन लहा हूँ. हाँ, हाँ. तुम्हें गूस बुलाती.        
अमेतिस्तोव (फोन पर ) – कॉम्रेड गूस? ख़ुश रहिए, बोरिस सिम्योनोविच. तबियत तो अच्छी है? सब ‘बिज़ी’-‘बिज़ी’ ही हैं. क्यों नहीं, ज़रूर , आज इंतज़ार रहेगा. दिन, कह सकते हैं कि बड़ा शानदार है. टाइम, फुर्र से...ईक! पार्डन!...दस बजे...आपको बहुत याद किया, बहुत याद किया, किया, याद किया. कहती है, कब देखूँगी वह असीरियन पर्सनॅलिटी. ही-ही. सीक्रेट, सीक्रेट. सर्प्राइज़ है. राह देख रहे हैं, राह देख रहे हैं. झुक कर आपको सलाम करता हूँ, जनाब. ईक!.
ओबोल्यानिनोव – ग़ज़ब का ‘वल्गर’ आदमी है यह गूस. आपका क्या ख़याल है?
अमेतिस्तोव – नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता . महीने में दो सौ डॉलर्स पाने वाला आदमी ‘वल्गर’ हो ही नहीं सकता. ईक! किस शैतान को मेरी ज़रूरत पड़ गई? मैं गूस की बहुत इज़्ज़त करता हूँ. मॉस्को की सड़कों पर पैदल कौन घिसटता है – आप!
ओबोल्यानिनोव – माफ़ कीजिए, मिस्टर अमेतिस्तोव. मैं चलता हूँ, घिसटता नहीं हूँ.
अमेतिस्तोव – हाँ, बुरा न मानिए, क्या आदमी है! चलिए, आप चलते रहिए और वह कार में घूमता है. आप एक कमरे में बैठे रहते हैं, पार्डन,पार्डन, पार्डन – शायद ‘बैठे रहते हैं’ अच्छा शब्द नहीं है, हाई सोसायटी के लिए – तो, मैं कहूँगा, ‘विराजते हैं’, और गूस – सात कमरों में! आप एक महीने में अपने पियानो पर खटखटाकर , पार्डन-पार्डन, पियानो बजाकर मुश्किल से दस डॉलर्स कमाते हैं, और गूस – दो सौ! बजाता कौन है – आप, और गूस डांस करता है!
ओबोल्यानिनोव – क्योंकि इस सरकार ने ऐसी ज़िन्दगी बना दी है जहाँ एक सलीकेदार आदमी के लिए ज़िन्दा रहना मुश्किल है.
अमेतिस्तोव – पार्डन, पार्डन. सलीकेदार आदमी हर हाल में जी सकता है. मैं – सलीका पसन्द हूँ, फिर भी जी रहा हूँ. मैं, माफ़ कीजिए, मॉस्को आया था, बगैर पतलून के. आप से ही, पापाजी, पतलून माँगनी पड़ी थी. याद है, चौख़ाने वाली, और अब, मैं फ्रॉक-कोट पहनता हूँ.
ओबोल्यानिनोव – माफ़ कीजिए, मैं आपका ‘पापाजी’ कैसे हुआ?
अमेतिस्तोव – आप इतने भी तुनक मिजाज़ न बनिए! सामंतों-सामंतों में कहाँ का लगाव-छिपाव? ईक!
ओबोल्यानिनोव – माफ़ कीजिए. क्या आप वाक़ई में सामंत हैं?
अमेतिस्तोव – यह सवाल मुझे अच्छा लगता है! क्या आप ख़ुद नहीं देख रहे हैं?
ओबोल्यानिनोव – आपका कुलनाम मैंने कभी सुना नहीं है.
अमेतिस्तोव – ताज्जुब है! पेंज़ा का मशहूर कुलनाम है. ऐख़, सिन्योर, काश आप जानते कि बोल्शेविकों के कारण मैंने क्या-क्या नहीं सहा, आपके रोंगटे खड़े हो जाते! जायदाद हड़प ली, घर जला दिया.
ओबोल्यानिनोव – आपकी जागीर किस प्रांत में थी?
अमेतिस्तोव – मेरी जागीर? आप शायद पूछना चाह रहे हैं कि जो...
ओबोल्यनिनोव – हँ, हाँ, जो जला दी गई, वही.
अमेतिस्तोव – आह, वो...वह थी, वहाँ...मैं याद भी नहीं करना चाहता, बड़ा दुख होता है. सफ़ेद खम्भे, याद आते हैं...एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह...सात खम्भे, एक से बढ़कर एक. ऐख़, हाँ, क्या कहूँ! अस्तबल में घोड़े, खपरैलों वाली फैक्ट्री!
ओबोल्यानिनोव – मेरी चाची के यहाँ बढ़िया अस्तबल था, वारवारा निकोलायेव्ना बार्यात्निकोवा के यहाँ...
अमेतिस्तोव – क्या बार्यात्निकोवा, क्या चाची, मेरा तो अपना था अस्तबल, कितना बढ़िया था! आप इतने ढीले-ढाले क्यों पड़ गए, मुस्कुराइए, पापाजी.
ओबोल्यानिनोव – बहुत कुछ याद आ गया. मेरे पास घोड़ी थी, फ़राओन. मुझे आपसे बेहद हमदर्दी है.
अमेतिस्तोव – कैसे न होगी. बुरे से बुरा आदमी भी हमदर्दी जताएगा.
ओबोल्यानिनोव – मैं बहुत दुखी हूँ.
अमेतिस्तोव – मैं भी, यक़ीन कीजिए. क्यों, मालूम नहीं! कुछ पूर्वाभास हो रहा है. दुख से निकलने में ताश बड़ी मदद करती है.
ओबोल्यानिनोव – मुझे ताश पसन्द नहीं, मुझे घोड़े पसन्द हिं. फ़राओन. सन् ’13 में उसने पीटर्सबर्ग में ग्राण्ड-प्री जीता था. याद दिलाते हैं मुझे....
एक भारी आवाज़ गाती है, ‘याद दिलाते हैं मुझे...’.
लाल जैकेट, पीली कुर्ते की बाँहें, काली ज़ीन – फ़राओन.
अमेतिस्तोव – मुझे फ़राओन (यहाँ ताश के खेल से तात्पर्य है – अनु.) खेलना अच्छा लगता था. पार्टनर ओनों-कोनों से बच बचाकर निकलता, आप ठण्डे पसीने में नहा जाते; मगर जैसे ही पूरी स्पीड से उसका पत्ता काटते...पड़ा रहता घायल की तरह!
खट्, जैसे हँसिए का वार पड़ा हो! क्या मुझे अल्लीलूया ने परेशान कर दिया है... ऐख़, काश, जल्दी से मॉस्को से भाग सकता!
ओबोल्यानिनोव – हाँ, जल्दी से. मैं यहाँ अब और नहीं रह सकता.
अमेतिस्तोव – ऐख़, रोना धोना छोड़ो, बंधु! बस, तीन महीने और फिर हम नीत्सा पहुँच जाएंगे. ग्राफ़, आप कभी गए हैं नीत्सा?
ओबोल्यनिनोव – कई बार गया हूँ.
अमेतिस्तोव – मैं भी, बेशक, गया था, मगर बचपन में. मेरी स्वर्गीय माताजी, ज़मींदारनी, मुझे ले गई थीं. दो गवर्नेसेस थीं हमारे साथ, आया भी. मैं, जानते हैं , घुँघराले बालों वाला था. दिलचस्प बात, माँटे  कार्लो में पत्तेबाज़ होते हैं? शायद होते होंगे.
ओबोल्यानिनोव – नहीं जानता. (दुख से) आह, नहीं जानता.
अमेतिस्तोव – बस, बहुत हो गया. ये है फ़ंडा. एक्ज़ोटिक फसल . ग्राफ़, साथी! देखिए, हमारे पास ख़ूब टाइम है, मेहमानों के आने तक ‘बवारिया’ हो आएँगे. दुख में डॉक्टर भी बियर की सिफ़ारिश करते हैं.
ओबोल्यानिनोव – हे भगवान, आप अपनी बातों से मुझे चौंकाए दे रहे हैं. बियर हाउसेस में गन्दगी और कमीनापन होता है.
अमेतिस्तोव – आपने शायद उन केंकड़ों को नहीं देखा जो हाल ही में ‘बवारिया’ लाए गए हैं. बड़ा प्यारा कमीनापन है! हर केंकड़ा इतना बड़ा... किसके जितना कहूँ, झूठ न कहूँगा...गिटार जितना...रेंग जाएँ, पापाजी!
ओबोल्यानिनोव – अच्छा , चलो.
अमेतिस्तोव – ये हुई न बात. खेरूविम!
खेरूविम – क्या?
अमेतिस्तोव – अगर ज़ोया देनिसोव्ना हमसे पहले आ जाएँ, तो कहना, परेशान न हों. जल्दी वापस आ जाएँगे. समझे?
खेरूविम – तोला-तोला समजी.
अमेतिस्तोव – आँखों से तो लगता है कि ज़रा भी नहीं समझे हो. मुख़्तसिर में, बीस मिनट में आते हैं. पहली बात – शैम्पेन बर्फ में रखना, वोद्का भी, और लाल शराब – इससे उलट, गर्म जगह पर, किचन में;  दूसरी बात – मुख़्तसिर में, मेरे प्यारे पीले शैतान, फ्लैट तुम्हारे भरोसे छोड़े जा रहा हूँ, तेरी ज़िम्मेदारी पे. ग्राफ! चलें. केंकड़ों के पास.
खेरूविम – मानूस्का... चले गए!
मान्यूश्का (भागते हुए आती है, खेरूविम को चूमती है.) तुम मुझे क्यों अच्छे लगते हो, समझ में नहीं आता. पीले हो, संतरे की तरह, मगर पसन्द आ गए! आप, चीनी लोग, ल्युतेरान हो?
खेरूविम – ल्युतेरान, कपले तोला तोला प्लेस कलती. लुको, मानूस्का. मैं तुजे कास बात बोलती. हम जल्दी चले जाएँगे, मानूस्का, जाएँगे, मानूस्का! मैं तुजे सनहाई ले जाती.
मान्यूश्का – शंघाई? नहीं जाऊँगी मैं.
खेरूविम – जाती, कहती हूँ – जाती.
मान्यूश्का – फू---- कैसे हो तुम. कैसे हुक्म चलाते हो? क्या मैं तुम्हारी बीबी हूँ?
खेरूविम – मैं तुमसे सादी कलती, मानूस्का, सनहाई. कुबसुलत सनहाई.

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