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बुधवार, 6 मार्च 2013

Zoya's Flat (Hindi) - 1.3.2


ज़ोया का फ्लैट – 1.3.2

ओबोल्यानिनोव (भेद भरे अंदाज़ में) – मान्यूश्का वफ़ादार तो है ना?
ज़ोया – ऑफ़कोर्स. मान्यूश्का मेरी वफ़ादार दोस्त है. मेरे लिए वह आग में, पानी में...बढ़िया लड़की है !
ओबोल्यानिनोव – और कौन आएगा?
ज़ोया (भेद भरी आवाज़ में) – लिज़ान्का, मीम्रा, मैडम इवानोवा...पाव्लिक,  चलो, मेरे कमरे में चलें.
चले जाते हैं. ज़ोया  दरवाज़े का परदा गिराती है, उनकी अस्पष्ट आवाज़ें सुनाई देती हैं. एक पतली और पगली-सी आवाज़ टूटे  हुए पियानो की संगत में गाती है:

चमकते थे तारे रात में,
चरमराती बर्फ़ आँगन में...
जा रहा था...
अमेतिस्तोव (बाहर के कमरे में आता है.)...  नन्हा बालक.
 आवाज़ :
भगवान, बोला नन्हा बालक,
ठिठुर गया मैं, भूखा भी हूँ.
कौन देगा खाना और गर्मी,
भगवान, दयालु...
इस अनाथ को. (गंदी सूटकेस फर्श पर रखकर उस पर बैठ जाता है.)
अमेतिस्तोव टोपी पहने है, फटी पतलून, जैकेट, सीने पर मैडल लगाए है.
छिः, शैतान ले जाए! कूर्स्की स्टेशन से हाथ में सूटकेस लिए चार मील पैदल, यह भी कमाल ही है, मैं कहता हूँ. काश, अब बियर मिल जाती. ओह, मेरे अनबूझे नसीब, तू मुझे फिर पाँचवीं मंज़िल पर ले आया, यहाँ तू मुझे क्या देगा? मॉस्को, मेरी माँ. पाँच साल से तुझे देखा नहीं. (रसोईघर में झाँकता है.) ऐ, कॉम्रेड! कोई है? ज़ोया देनिसोव्ना घर में हैं?
अंतराल. ज़ोया देनिसोव्ना और ओबोल्यानिनोव की अस्पष्ट-सी आवाज़ें सुनाई दे रही हैं. अमेतिस्तोव कान लगाकर सुनता है.
ओ-हो-हो.....    
ओबोल्यानिनोव (परदे के पीछे से अस्पष्ट स्वर में) – मैं ज़रा भी इसके क़ाबिल नहीं हूँ. ऐसी ज़िम्मेदारी के काम के लिए एक अनुभवी पुछल्ला चाहिए.
अमेतिस्तोव – ठीक टाइम पे आ गया!
मान्यूश्का (बोतलें लिए) – माई गॉड! दरवाज़े तो मैंने बन्द ही नहीं किए! ये कौन है? क्या चाहिए?
अमेस्तितोव – पार्डन – पार्डन. घबराइए मत, कॉम्रेड. बियर? बिल्कुल ठीक टाइम पर आई है! कूर्स्की स्टेशन से ही बियर के सपने देख रहा था!
मान्यूश्का – किससे मिलना है आपको?
अमेतिस्तोव – ज़ोया देनिसोव्ना से. मुझे अभी किससे मुक़ःआतिब होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है?
मान्यूश्का – मैं ज़ोया देनिसोव्ना की भतीजी हूँ.
अमेतिस्तोव – बहुत ख़ुशी हुई. बहुत. मुझे तो मालूम ही नहीं था कि ज़ोयका की इतनी ख़ूबसूरत भतीजी है. इजाज़त दीजिए : मैं ज़ोया देनिसोव्ना का कज़िन हूँ. (मान्यूश्का का हाथ चूमता है.)
मान्यूश्का – क्या करते हैं. क्या करते हैं. ज़ोया देनिसोव्ना!
ड्राइंग रूम में आती है. पीछे पीछे अमेतिस्तोव, सूटकेस लिए हुए. ज़ोया और ओबोल्यानिनोव आते हैं.
अमेतिस्तोव – पार्डन-पार्डन! इस काम के लिए मुझ से बेहतर मैनेजर आपको नहीं मिलेगा. आप बड़े ‘लकी’ हैं, साहेबान. प्यारी कज़िन, नमस्ते! इतनी प्यारी बातचीत में ख़लल डालने के लिए माफ़ी चाहता हूँ.
ज़ोया मानो बुत बन जाती है.
कज़िन, मेरा इस नागरिक से परिचय तो कराओ.
ज़ोया – तुम...आप...पावेल फ़्योदोरोविच, इजाज़त दीजिए. ये है मेरा कज़िन अमेतिस्त...
अमेतिस्तोव – पार्डन-पार्डन. (ओबोल्यानिनोव से) पुतिन्कोव्स्की, बेपार्टी, भूतपूर्व दरबारी.
ओबोल्यानिनोव (सकते में) – बड़ी ख़ुशी हुई...
अमेतिस्तोव – माई डियर कज़िन, कृपया मुझसे दो मिनट अकेले में बात करने का कष्ट करें.
ज़ोया – पाव्लिक... माफ़ कीजिए, प्लीज़. मुझे अलेक्सान्द्र तरासोविच से दो बातें करनी हैं...
अमेतिस्तोव – पार्डन! वासीलि इवानोविच के साथ. इतने कम समय में आप मेरा नाम भी भूल गईं! बड़े अफ़सोस की बात है. ओय, ओय, ओय.
ज़ोया – पाव्लिक...
ओबोल्यानिनोव (सकते में) – यस्, यस्, प्लीज़...(चला जाता है.)
ज़ोया – मान्यूश्का, पावेल फ़्योदोरोविच को बियर देना. (मान्यूश्का जाती है.)
तुम्हें तो बाकू में गोली मार दी गई थी, मैंने पढ़ा था.
अमेतिस्तोव – पार्डन-पार्डन. तो क्या हुआ? अगर मुझे बाकू में गोली मारी गई थी, तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि मैं मॉस्को नहीं आ सकता? अच्छा ही है. मुझे तो गलती से गोली मारी गई थी, बगैर किसी इरादे के. मैं बेक़सूर हूँ.
ज़ोया – मेरा तो सिर घूम रहा है.
अमेतिस्तोव – ख़ुशी के मारे.
ज़ोया – नहीं, तुम खुल कर कहो...मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है.
अमेतिस्तोव - ज़ाहिर है, अम्नेस्टी की आड़ में वहाँ से भागा. बाइ द’ वे, अम्नेस्टी के बारे में, ये तुम्हारी भतीजी कौन है?
ज़ोया – आह, कहाँ की भतीजी. वह मेरी नौकरानी है, मान्यूश्का.
अमेतिस्तोव – आई सी. समझ गया. घर को बचाए रखने के लिए. (ज़ोर से तीखी आवाज़ में) मान्यूश्का!    
(मान्यूश्का आती है.)
प्यारी, मेरे लिए भी बियर लाओ. प्यास के मारे मरा जा रहा हूँ. कैसी भतीजी हो तुम, शैतान तुझे ले जाए!
मान्यूश्का (बदहवासी से) – मैं...अभी...(जाती है.)
अमेतिस्तोव – और मैंने उसका हाथ चूमा. छिः-छिः...!
ज़ोया – तुम ठहरने वाले कहाँ हो? ध्यान रहे, मॉस्को में रहने की जगह की कमी है.
अमेतिस्तोव – देख रहा हूँ. ज़ाहिर है, तुम्हारे यहाँ रुकूँगा.
ज़ोया – और अगर मैं कहूँ कि मैं तुम्हें नहीं रख सकती, तो?
अमेतिस्तोव – तो ये बात है! दादागिरी कर रही हो, ज़ोयका. कर लो, कर लो, दादागिरी...अपने चचेरे भाई को भगा रही हो, जो कूर्स्की स्टेशन से पैदल चल कर आया है. अनाथ को? भगाओ...भगाओ...मैं तो छोटा आदमी हूँ न! मैं चला जाता हूँ. मैं बियर भी नहीं पिऊँगा. मगर तुम्हें बाद में इसके लिए पछताना पड़ेगा, प्यारी कज़िन.
ज़ोया – आह, तुम मुझे डराना चाहते हो. घबराओ मत, मैं डरने वालों में से नहीं हूँ.
अमेतिस्तोव – मैं क्यों डराने लगा? मैं, ज़ोया देनिसोव्ना, शरीफ़ आदमी हूँ, एकदम जेंटलमैन! और अगर मैं ख़ुफ़िया पुलिस में जाकर रिपोर्ट न कर दूँ कि तुम अपने इस आरामदेह फ्लैट में क्या करने वाली हो, तो मेरा भी नाम नहीं. मैंने, डियर ज़ोया देनिसोव्ना, सब सुन लिया हि!
ज़ोय (रंग उड़ जाता है, भर्राई आवाज़ में) - तुम बग़ैर घण्टी बजाए कैसे घुस आए?
अमेतिस्तोव – दरवाज़ा खुला था.
ज़ोय – क़िस्मत!
मान्यूश्का बियर लेकर आती है.     
आह, मान्यूश्का, मान्यूश्का! तूने दरवाज़ा बन्द नहीं किया?
मान्यूश्का – (घबराहट से) – माफ़ कीजिए, ज़ोया देनिसोव्ना, भूल गई.
ज़ोया – आह, मान्यूश्का, आह! चलो, कोई बात नहीं, कोई बात नहीं. जा, पावेल फ़्योदोरोविच से माफ़ी मांग...
मान्यूश्का चली जाती है.
अमेतिस्तोव (बियर पीते हुए) – फू...अच्छी है! मॉस्को में बियर बढ़िया मिलती है! छोटी जगहों पर तो इतनी खट्टी मिलती है कि मुँह में नहीं डाली जाती. फ्लैट तो तुमने ख़ूब सजाया है, देख रहा हूँ मैं. शाबाश, ज़ोयका.
ज़ोया – नसीब! लगता है , मुझे अभी अपनी सलीब भी ख़ुद ही ढ़ोनी पड़ेगी.
अमेतिस्तोव – क्या तुम ये चाह्ती हो, कि मैं अपमानित होकर चला जाऊँ?
ज़ोया – नहीं, रुको. तुम चाहते क्या हो?
अमेतिस्तोव – सबसे पहले - पतलून.
ज़ोया – क्या तुम्हारे पास सचमुच पतलून नहीं है? और ये सूटकेस?
अमेतिस्तोव – सूटकेस में हैं ताश की छः गड्डियाँ और नेताओं की तस्वीरें. धन्यवाद, प्यारे नेताओं को, अगर वे न होते तो मैं भूख से मर जाता. मज़ाक है, डाक-गाड़ी में बाकू से मॉस्को तक का सफ़र? जानती हो, कल्चरल डिपार्टमेंट से यादगार के तौर पर, नेताओं की पचास तसवीरें रख लीं. उन्हें दो-दो आने में बेचता रहा.
ज़ोया – तुम भी नमूने हो!
अमेतिस्तोव – ग़ज़ब की बियर है. कॉम्रेड, नेता ख़रेदो! एक बुर्जुआ ने तो पाँच ख़रीद लीं. बोला, मैं अपने रिश्तेदारों को दूँगा. उन्हें नेता बहुत पसन्द हैं.
ज़ोया – ताश की गड्डियाँ स्पेशल हैं? छींटे वाली?

अमेतिस्तोव – आप मुझे समझती क्या हैं मैडम?

ज़ोया – छोड़ो भी, अमेतिस्तोव! तुम पाँच साल कहाँ भटकते रहे?

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