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शनिवार, 9 मार्च 2013

Zoya's Flat (Hindi) - 1.3.3


ज़ोया का फ्लैट – 1.3.3

अमेतिस्तोव – ऐख़ , कज़िन!...ऐख़...चेर्नीगोव में आर्ट्स डिपार्टमेंट में मैनेजर था.
ज़ोया – मैं समझ रही हूँ.
 अमेतिस्तोव – श्वेत गार्ड आए. मुझे, ज़ाहिर है, लाल रक्षकों ने वहाँ से मॉस्को जाने के लिए पैसे दिए, मगर मैं श्वेत सेना के पास रोस्तोव चला गया. उन्हीं के यहाँ नौकरी करने लगा. कुछ  समय बाद लाल रक्षक पहुँचे. मैंने श्वेतों से पैसे लिए और लाल रक्षकों के पास चला आया. प्रचार विभाग में मैनेजर बन गया . श्वेत आए : लाल वालों ने फिर पैसे दिए, मैं श्वेतों के पास क्रीमिया चला आया. वहाँ सेवास्तोपोल के एक छोटे से रेस्टारेंट में बस एडमिनिस्ट्रेटर का काम किया. फिर, एक पार्टी से टकरा गया. एक शाम को ही उन्होंने ताश में पचास हज़ार झटक लिए.
ज़ोया – तुमसे? मतलब है कि वे ख़ास ही थे.
अमेतिस्तोव – काले अफ्रीकी थे वे, तुमसे कहता हूँ, काले! तो, मैं सोवियत राज्य में किस्मत आज़माने चल पड़ा. क्या-क्या पापड़ नहीं बेले, माई गॉड! व्लादीकाफ़्काज़ में एक्टर बना. नोवोचेर्कास्क की प्रांतीय मिलिटरी में संगीतकार का काम किया. वहाँ से पहुँचा वोरोनेझ, राशन की दुकान में मैनेजर बनकर. आख़िरकार, चार साल बाद मुझेयक़ीन हो गया कि मैं सीना तान कर गर्व से नहीं चल सकता. इसलिए मैंने पार्टी की दिशा में क़दम बढ़ाए. बस, मरते-मरते बचा, माई गॉड. चलो, सोचा, इस लालफ़ीताशाही का मुक़ाबला करूँ, झँझट...हर तरह की...और मेरा रूम-मेट चेमोदानोव कार्ल पेत्रोविच, इज़्ज़तदार पार्टी मेम्बर, अचानक मर गया.
ज़ोया – वोरोनेझ में?
अमेतिस्तोव – नहीं, यह हुआ ओडेसा में. मैंने सोचा, पार्टी का क्या नुक्सान हुआ? एक मर गय तो उसकी जगह लेने के लिए दूसरा लाइन में खड़ा है. जाँबाज़ों की क़तार...जैसा कहते हैं. तो, मैंने मृतक का पार्टी का टिकट उठाया और बाकू चला आया. सोचा, शांत जगह है , तेल भी निकलता है, हत्था घुमाओ – तो आसमान को भी गर्मी लगने लगेगी. और, फिर क्या हुआ, दरवाज़ा खुला – और चेमोदानोव का दोस्त टपक पड़ा. खलास! उसके पास था नहला – मेरे पास ग्रीज़. मैं खिड़की की तरफ़ भागा, और खिड़की थी दूसरी मंज़िल पर...
ज़ोया – रेस के घोड़ों को पहचानती हूँ मैं...
अमेतिस्तोव – मगर, मैं कामयाब न हुआ, ज़ोयेच्का, क्या कर सकते हो तुम. पत्ता उठाओ – ग्रीज़, ग्रीज़ ...हाँ...अदालत में मैंने अपना बयान दिया – सभी रो पड़े; न केवल पढ़े लिखे लोग, बल्कि अनपढ़ सिसकियाँ ले रहे थे. तो, मैं बैठा...सज़ा काटी...देखा, इस कस्बे में कुछ भी करना मुमकिन नहीं है. मगर, जब आदमी का सब कुछ लुट जाता है, तो उसे मॉस्को चले जाना चाहिए. ऐख़, ज़ोयका, बेरहम हो गई हो तुम अपने फ्लैट में, कट अई हो जनता से.
ज़ोया – अच्छा, ठीक है. सब समझ में आ गया. जब तुम घिसटते हुए यहाँ आ ही गए हो, तो तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता. सुनो, मैं तुम्हें रख लूँगी....तुमने सब सुन लिया है?
अमेतिस्तोव – सुनाई दे गया, ज़ोयेच्का!
ज़ोया – मैं न सिर्फ तुम्हारा नाम यहाँ रहने वालों में शामिल करूँगी, बल्कि अपने बिज़नेस में तुम्हें मैनेजर की नौकरी भी दूँगी...                
अमेतिस्तोव – ज़ोयेच्का!
ज़ोया – मगर मेरे फ्लैट में ताशों का ज़िक्र भी नहीं होगा. समझे?
अमेतिस्तोव – ये कर क्या रही है, कॉम्रेड्स? ज़ोया, ये कोई मार्क्सिस्ट तरीका नहीं है! तुम्हारा तो तस्वीर जैसा फ्लैट है. मुझे बस पाँच माहिर खिलाड़ियों से मिलवा दो, उनके पास आजकल काफ़ी पैसे हैं...
ज़ोया – ताश नहीं खेले जाएँगे.
अमेतिस्तोव – ऐख़!
ज़ोया – और काम करोगे सख़्त निगरानी में. देखो, अमेतिस्तोव, संभल के! अगर तुम कोई गड़बड़ करोगे तो मैं किसी भी बात की परवाह किए बगैर तुम्हें जेल भिजवा दूँगी. तुम मुझे डराने चले थे. घबराओ मत, मेरा कोई ख़ैरख़्वाह निकल ही आएगा, और तुम ...तुम अपने बारे में कुछ ज़्यादा ही बता चुके हो.
अमेतिस्तोव – तो, मैंने बड़े विश्वास के साथ एक ख़ानाबदोश की कहानी एक नागिन को सुनाई. ओह, माई गॉड!
ज़ोय – चुप, बदमाश. वह नेकलेस कहाँ है, जिसे 1918 में, जाने से पहले, तुम बेचने के लिए ले गए थे?
अमेतिस्तोव – नेकलेस? रुको, रुको...वो हीरों वाला?
ज़ोया – आह, नीच, कमीने!
अमेतिस्तोव – थैंक्यू, थैंक्यू! देखा आपने, ज़ोयेच्का अपने रिश्तेदारों का स्वागत कैसे करती है!
ज़ोया – कागज़ात तो तुम्हारे पास हैं?
अमेतिस्तोव – कागज़ात से तो पूरी जेब भरी है, मगर सवाल ये है कि उनमें से कौन-कौन से नए हैं. (जेब से कागज़ात निकालता है.) चेमोदानोव कार्ल...इसका तो कोई सवाल ही नहीं. सिगुराज़े अंतोन...नहीं यह अच्छा नहीं है.
ज़ोया – हॉरिबल, हॉरिबल, सच कहती हूँ. तुम तो पुतिन्कोव्स्की हो!
अमेतिस्तोव – नहीं, ज़ोयेच्का, मैं चक्कर में पड़ गया. पुतिन्कोव्स्की, मॉस्को में – नहीं चलेगा. बेहतर है, मेरा असली नाम लिख लो. मेरा ख़याल है कि पाँच सालों में सब मुझे भूल गए होंगे. तो, तुम अमेतिस्तोव का नाम लिखवा लो. रुको, मिलिट्री वाली छोटी-मोटी गड़बड़ शायद थी...
(ज़ोया अलमारी से बढ़िया पतलून निकालती है.)
(पतलून पहनते हुए.) गॉड तुम्हारे भले दिल को ज़रूर दुआएँ देंगे, बहना. पलटो.
ज़ोया – मुझे तुम्हारी बड़ी ज़रूरत है. पतलून वापस लौटा देना, ये पावेल फ़्योदोरोविच की है.
अमेतिस्तोव – उस क़ब्र में लटकते तुम्हारे साथी की?
ज़ोया – प्लीज़, उसके साथ शराफ़त से पेश आना. वो मेरा पति है.
अमेतिस्तोव – उसका नाम क्या है?
ज़ोया – ओबोल्यानिनोव.
अमेतिस्तोव – काउंट? ऊ...ऊ, वो लाल परों वाली मछली है. अब, शायद, उसके पास कुछ भी नहीं बचा है. शकल से क्रांति विरोधी लगता है...(परदे के पीछे से निकलते हुए, पतलून से ख़ुश होते हुए, जो अब उसके शरीर पर है.) भली पतलून है! इसे पहन कर यूँ लगता है, मानो प्लेटफॉर्म पर घूम रहे हो.
ज़ोया – इस नाम वाली गड़बड़ को तुम ही सुलझाओ. मुझे भी मुसीबत में डाल दोगे. पाव्लिक! प्यारे!
(ओबोल्यानिनोव आता है.)
माफ़ करना, डियर, आपको अकेले छोड़ दिया. हम काम की बात कर रहे थे.
अमेतिस्तोव – बचपन की यादों में खो गए थे. मैं और ज़ोया एक साथ ही बड़े हुए हैं न! मैं तो रो पड़ा.
ओबोल्यनिनोव (पतलून की ओर देखते हुए.) – याद दिलाते हैं मुझे...
अमेतिस्तोव – पार्डन-पार्डन. रास्ते में मुझे लूट लिया. रोस्तोव में दूसरा सूटकेस चोरी हो गया. सरासर रोंगटे खड़े कर देने वाली बात थी! आप, शायद, बुरा न मानेंगे? कुलीनों को ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
ओबोल्यानिनोव – शौक से, शौक से. मैं तो वैसे भी इन सब को चीनी को देने वाला था...
ज़ोय – तो, पाव्लिक, अलेक्सान्द्र तारासोविच हमारे यहाँ मैनेजर के तौर पर काम करेंगे. आप को कोई ऐतराज़ तो नही है?
ओबोल्यानिनोव – ज़रूर, मुझे तो बड़ी ख़ुशी होगी. अगर आप वासिली इवानोविच की सिफ़ारिश कर रही हैं...
अमेतिस्तोव – पार्डन-पार्डन, अलेक्सान्द्र तारासोविच की सिफ़ारिश. आप चौंक गए ना? ये, देखिए, मेरा थियेटर का नाम है. स्टेज पर मैं हूँ – वासिली इवानोविच पुतिन्कोव्स्की, और असली ज़िन्दगी में अलेक्सान्द्र तारासोविच अमेतिस्तोव. मशहूर नाम है, इस नाम के कइयों को बोल्शेविकों ने गोली से उड़ा दिया था. पूरा किस्सा है. आप सुनेंगे तो हिचकियाँ ले लेकर रोने लगेंगे.
ओबोल्यानिनोव – बड़ी ख़ुशी हुई. आप आए कहाँ से हैं?
अमेतिस्तोव – आप पूछते हैं, मैं कहाँ से आय? फ़िलहाल बाकू से. जोड़ों के दर्द का इलाज करवा रहा था. वो भी एक किस्सा है.
ओबोल्यानिनोव – अगर आप बुरा न मानें तो एक बात पूछूँ : आप बे-पार्टी के हैं?
अमेतिस्तोव – ये भी कोई सवाल है? क्या कह रहे हैं?
ओबोल्यानिनोव – आपके सीने पे वो तस्वीर लटक रही थी...या, फिर, शायद, हो सकता है, मुझे ऐसा एहसास हुआ हो.
अमेतिस्तोव – वह तो सफ़र के लिए था. जानते हैं, रेलगाड़ी में इस सबका बहुत फ़ायदा होता है. रिज़र्वेशन बिना क्यू में लगे मिल जाता है. वो, दूसरी बात है.
मान्यूश्का (आती है) – अल्लीलूया आया है.
ज़ोया – उसे यहाँ बुला ला. (अमेतिस्तोव से) – याद रखो : वो हाऊसिंग कमेटी का प्रेसिडेंट है. उससे संभल के बात करना.
अल्लीलूया – गुड ईवनिंग, ज़ोया देनिसोव्ना. नमस्ते, नागरिक ओबोल्यानिनोव.
ओबोल्यानिनोव – ख़ुश आमदीद.
अल्लीलूया – तो, सोच लिया, ज़ोया देनिसोव्ना?
ज़ोया – हाँ, देखिए प्लीज़, ये रहे कागज़ात. मेरे रिश्तेदार अलेक्सान्द्र तारासोविच अमेतिस्तोव का नाम लिख लीजिए. अभी-अभी आये हैं ये ह्मारे स्कूल के मैनेजर होंगे. (अल्लीलूया को कागज़ात देती है.)
अल्लीलूया – बड़ी ख़ुशी हुई. शायद, नौकरी करने का इरादा है.
अमेतिस्तोव – कैसी बात करते हैं, मैं एक्सपिरिएन्स्ड टेलर मास्टर हूँ. एक ग्लास बियर, आदरणीय कॉम्रेड?
अल्लीलूया – सो नाइस ऑफ़ यू. इनकार नहीं करूँगा. गर्मी बहुत है, और मैं पूरे टाइम भाग-दौड़ करता रहता हूँ.
अमेतिस्तोव – हाँ, मौसम ऐसा ही है. आपकी बिल्डिंग तो बड़ी शानदार है, कितनी बड़ी SSS है!
अल्लीलूया – कुछ न पूछिए, काँटों की सेज है. हूँ, तो डॉक्यूमेंट्स तो ठीक ठाक हैं. ये फौज वाली गड़बड़ क्या है?
अमेतिस्तोव – ठीक कहा. ये रहे कागज़ात (कागज़ देता है) आप पार्टी मेम्बर हैं, कॉम्रेड?
अल्लीलूया – मैं उनके पक्ष में हूँ.
अमेतिस्तोव – आ! बड़ी ख़ुशी हुई. (मैडल पहनता है) मैं ख़ुद भी भूतपूर्व पार्टी-मेम्बर हूँ. (ओबोल्यानिनोव से हौले से) सबके सामने नहीं. चालाकी है.
अल्लीलूया – छोड़ी क्यों?
अमेतिस्तोव – गुटबाज़ी. कई लोगों से इत्तेफ़ाक न रख सका. मैं जनता से आया था. पिछले साल से पार्टी में था. मगर जैसे ही सब कुछ देखा – समझ गया कि कोई फ़ायदा नहीं है. मैंने मिखाइल इवानोविच से कहा...
अल्लीलूया – कालीनिन से?
अमेतिस्तोव – उन्हीं से! साफ़-साफ़ कहा. मैं तो पुराना सिपाही हूं, खोने के लिए मेरे पास जंज़ीरों के सिवा कुछ भी नहीं है. कभी मैंने भी कॉकेशस में महत्वपूर्ण काम किया था. और मैंने कहा, नहीं, मिखाइल इवानोविच, ऐसे काम नहीं चलेगा. हम भटक गए हैं – पहली बात. अपनी ईमानदारी खो चुके हैं – दूसरी बात. उपदेशों को भूल गे हैं...मैं, बोला, ऐसे, कहा, ऐसे तुझे, बोला, चौबीस घण्टे में, बोला, गाँवों की ओर मोड़ दूँगा. गुस्सैल बूढ़ा!
ओबोल्यानिनोव (भयानक आश्चर्य से) – वह जीनियस है, कसम से.
ज़ोया – आह, नीच, आह, पापी! (ज़ोर से) – पॉलिटिक्स बहुत हो चुकी. तो, कॉम्रेड अल्लीलूया, कल से मैं अपना काम शुरू कर दूँगी.
अल्लीलूया – ज़रूर, शुभ काम में देर कैसी. अब मुझे भी इत्मीनान हो गया है.
अमेतिस्तोव – तो, हम शुरू कर रहे हैं! इस एक्ज़ीबिशन स्कूल की सफ़लता के लिए और इसकी डाइरेक्टर, कॉम्रेड ज़ोया देनिसोव्ना पेल्त्स की सेहत के लिए! हुर्रे!
बियर पीते हैं.
और अब, हमारी हाउसिंग सोसाइटी के ऑनरेबल प्रेसिडेंट और हमारे शुभचिंतक अनीसिम ज़ोतिकोविच...हाँ, मैं कहता हूँ, ज़ोतिकोविच...(ज़ोया से) इसका ‘सरनेम’ क्या है?
ज़ोया (धीरे से) – अल्लीलूया.
अमेतिस्तोव – यही मैं कहना चाह रहा था : अल्लीलूया, अल्लीलूया, अ...ल्ली...लू...या की सेहत के लिए. आई विश हिम...
इस विशाल बिल्डिंग के मस्ताने बच्चे ज़ोर से गा उठे:
हज़ारों साल! हज़ारों साल!
वो ही – हज़ारों साल! हज़ारों साल!
दरवाज़े पर मान्यूश्का दिखाई देती है. उसके पीछे है खेरुविम.
अल्लीलूया – ये चीनी यहाँ क्यों?
खेरुविम – मैं बातें कलने के लिए आया था.
ज़ोया – बाद में. हाँ, यह मेरे कारखाने का नया कर्मचारी है (अल्लीलूया से) स्कर्ट वगैरह इस्त्री कर दिया करेगा.
अल्लीलूया – आहा.
अमेतिस्तोव (खेरुविम के हाथों में बियर का गिलास थमा देता है) – बोलो, अल्लीलूया के लिए, हज़ारों साल! मान्यूश्का, भतीजी, चीन की दीवार की तरह खड़ी क्यों हो? हुर्रे!
ओबोल्यानिनोव (दबी आवाज़ में) – ये कमाल का आदमी है.
ज़ोया – आह, तुम, नीच. आह, पापी.
अमेतिस्तोव – हज़ारों साल, हज़ारों साल!
खेरुविम – अजालो SSS ओ छाल!
(परदा गिरता है.) 

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