ज़ोया का फ्लैट
– 1.2
दूसरा प्रवेश:
...दयनीय छोटा सा कमरा, घासलेट तेल की ढिबरी से प्रकाशित. रस्सियों पर
कपड़े झूल रहे हैं. दरवाज़े पर बोर्ड टंगा है,
“संघाई की लांदरी का प्रवेसद्वार.” गान-ज़ा-लिन (गाज़ोलिन) लैम्प पर झुका है.
उसके सामने है ख़ेरूविम. दोनों लड़ रहे हैं.
गाज़ोलिन – तू
सीनी पदमास. डाकू! रेसम सुराया, कोकीन सुराई. कहाँ मर गया? हाँ? भरोसा कौन करे तुज़
पर? आँ?
खेरूविम – तोडा-तोडा, बहुत थोड़ा! तुम ख़ुद ही डाकू
होते. मासको का भिकमंगा.
गाज़ोलिन –
भाग, अप्पी, भाग लांदरी से. तू चोर, सूखा सोर.
खेरूविम – का?
गलीब सीनी को भगाते? मेले पास से रेसम स्वेत्नी पल सुराया, कोकीन डाकू ले गया,
लास्ते में मुज़े थोला-थोला माला. देक (हाथ पर लगी ज़ख़म दिखाता है) मैं तुम्हाले लिए
काम की, औल अब भगाते! गलीब सीनी मासको में क्या खाएगा? बुला दोसत! तुजे माल
डालूँगा.
गाज़ोलिन – सुप
लहो. तू जो मुजे मालेगा, कमूनिस्त पुलिस तुजे थोडा-थोडा सताएगा.
खेरूविम – का,
भगाएगा? मददगाल को भगाएगा? मैं तुजे दलवाजे पल तांग तूंगा!
गाज़ोलिन – तू
सोरी कलेगा? दाका दालेगा?
खेरूविम –
नाई---नाई...
गाज़ोलिन –
बोल...बगवान की कसम.
खेरूविम –
बगवान की कसम.
गाज़ोलिन – फिल
से बोल – बगवान की कसम.
खेरूविम -
बगवान, बगवान की कसम...मालिक.
गाज़ोलिन –
गाऊन पेन, काम करना है.
खेरूविम – बूक
लगी है, पूला दिन कुस काया नई. रोत्ती दे.
गाज़ोलिन –
रोत्ती ले ले, भत्ती से निकाल ले.
खटखटाने की आवाज़
कौन? कौन?
मान्यूश्का (दरवाज़े के पीछे से) – खोलो, गाज़ोलिन, अपने ही हैं.
गाज़ोलिन – आ SSS , मानूस्का! (मान्यूश्का को अन्दर आने देता है.)
मान्यूश्का –
बन्द करके क्यों बैठे हो? अच्छी ख़ासी लाँड्री है. तुम त्क तो पहुँचना ही मुश्किल
है.
गाज़ोलिन - आ S मानूसेन्का, नमत्ते, नमत्ते.
मान्यूश्का – आह, कितना अच्छा है. फ़रिश्ते की तरह.
कौन है ये?
गाज़ोलिन –
मददगाल मेला.
मान्यूश्का –
मददगार. ऐख , तुम भी! हाँ, गाज़ोलिन, तेरे लिए चिट्ठी है. जल्दी से दवा दे दो.
गाज़ोलिन – का?
सायद, ओबोल्यान बीमाल है?
मान्यूश्का –
ऊ-ऊ, भगवान न करे! लेटे लेटे हाथों को काटते रहते हैं.
गाज़ोलिन –
पाँस लुबल होंगे. पैसा दे.
मान्यूश्का –
नहीं, उन्होंने कहा है कि तुम ख़ुद आकर उनके सामने दवा बनाओ; कहते हैं, घर में तुम पतली
कर देते हो.
गाज़ोलिन –
अप्पी मैं नई आ सकती.
मान्यूश्का –
नहीं, तुम, अब, चलो भी. तुम्हारे बिना मुझे घर में घुसने को मना किया है.
खेरूविम – का?
मालफ़ी?
गाज़ोलिन (चीनी
में) - वाल्या-वा ल्या.
खेरूविम (चीनी
में) – ऊ ल्या ऊ ल्या...ल्या दा नो, ल्या दा नो.
गाज़ोलिन –
मानूस्का. ये जाएगी, सब कलेगी.
मान्यूश्का –
उसे करना आता है?
गाज़ोलिन –
आती, दलो मत. तू, मानूसेन्का, जल्दी जल्दी वापस बेज देती.
मान्यूश्का –
तुम छुप क्यों रहे हो, गाज़ोलिन? मुझे तुम्हारी सब करतूतें पता हैं.
गाज़ोलिन - (मान्यूश्का को घुमा देता है) तो, मानूस्का. (खेरूविम से) दलवाज़े पल पहला दे. (जाता है और एक डिबिया और काँच की नन्हीं सुराही लेकर
लौटता है.) वा ल्या वा ल्या...
खेरूविम –
मुजे का सिकाते? चलें लतकी.
गाज़ोलिन (मान्यूश्का से) – औल उसे पैसे नई देती?
मान्यूश्का –
डरो मत, वहाँ दे देंगे.
गाज़ोलिन (खेरूविम से) – पाँस लुबल लाना. मानूस्का, अलबिदा. मुजसे सादी कब कलती?
मान्यूश्का –
छिः! क्या मैंने तुमसे वादा किया था?
गाज़ोलिन – आह,
मानूस्का! औल कौन बोला ता?
खेरूविम –
अस्सी लतकी है मानूस्का.
गाज़ोलिन – तू
सुप कल. ज़ा, ज़ा. तू दवा देक ले. तू मानूस्का, उसे देक ले. कपदे ले जा.
खेरूविम –
गलीब सीनी को काहे सताते? (कपड़ों की पोटली
उठाता है.)
मान्यूश्का –
तुम उसे गालियाँ क्यों देते हो? वह तो फ़रिश्ते की तरह ख़ामोश है.
गाज़ोलिन – वो,
खेलूविमसिक, फलिस्ता – दाकू है.
मान्यूश्का –
अलबिदा, गाज़ोलिन.
गाज़ोलिन –
अलबिदा, मानूस्का. जल्दी आना, तुझे तावत तूँगा.
मान्यूश्का – औरत
का सिर्फ हाथ चूमो, होठों तक न चढ़ना. (खेरूविम के साथ जाती है.)
गाज़ोलिन –
अस्सी है लदकी मानूस्का...(चीनी गाना गाता है) लज़ीज़ है लदकी मानूस्का...(अँधेरा)