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शनिवार, 7 जनवरी 2012

Master aur Margarita-10.1


मास्टर और मार्गारीटा-10.1
याल्टा की ख़बरें

जब निकानोर इवानोविच के साथ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट रही थी, ठीक उसी समय मकान नं. 302 से कुछ ही दूर, उसी सादोवाया रास्ते पर स्थित वेराइटी थियेटर के वित्तीय डाइरेक्टर रीम्स्की के कैबिन में दो व्यक्ति मौजूद थे : स्वयँ रीम्स्की और वेराइटी के व्यवस्थापक वारेनूखा.
थियेटर की दूसरी मंज़िल पर स्थित इस बड़े-से कैबिन की दो खिड़कियाँ सादोवाया रास्ते की ओर खुलती थीं और एक, जो मेज़ पर बैठे वित्तीय डाइरेक्टर की पीठ के पीछे थी, वेराइटी के ग्रीष्मोद्यान में खुलती थी, जहाँ शीतल रेस्तराँ और थियेटर का खुला मंच था. कैबिन में लिखने की बड़ी मेज़ के सामने पुराने इश्तहार दीवारों पर लटके थे, एक छोटी मेज़ पर पानी का जग रखा था, चार कुर्सियाँ पड़ी थीं और एक कोने में धूल से अटा किसी पुराने शो का एक मॉडल भी था. और ज़ाहिर है कि इस सबके अलावा कैबिन में एक भद्दा, बदरंग, अज्वलनशील छोटा-सा कैश बॉक्स भी था रीम्स्की के बाएँ हाथ की ओर, मेज़ की बगल में.
मेज़ पर बैठा रीम्स्की सुबह से ही बड़े बुरे मूड में था, जबकि वारेनूखा, इसके विपरीत बहुत ज़िन्दादिल और उत्तेजित नज़र आ रहा था. बस उसकी शक्ति के, ज़िन्दादिली के सदुपयोग का फिलहाल कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था.
इस समय वारेनूखा मुफ़्त में टिकट माँगने वालों से छिपकर वित्तीय डाइरेक्टर के कैबिन में बैठा था. ये मुफ़्तखोर उसका जीना दूभर कर देते थे, ख़ास तौर से उस समय जब कोई नया प्रोग्राम आरंभ होने वाला हो. आज, संयोगवश ऐसा ही दिन था.
जैसे ही टेलिफोन की घण्टी बजी, वारेनूखा ने चोंगा उठाया और झूठ बोलना शुरू कर दिया, किसे बुलाऊँ? वारेनूखा को? वह नहीं हैं, थियेटर से बाहर गए हैं.
 तुम एक बार फिर लिखोदेयेव को फोन करो प्लीज़, रीम्स्की ने परेशानी से कहा.
 वह घर पर नहीं है. मैं कार्पोव को पहले ही भेज चुका हूँ. फ्लैट में कोई भी नहीं है.
 शैतान ही जाने क्या बात है, रीम्स्की केल्कुलेटर की ओर देखते हुए बोला.
दरवाज़ा खुला और एक छोकरा अभी-अभी छपे इश्तेहारों का मोटा बण्डल खींचता हुआ अन्दर लाया. हरे कागज़ों पर मोटे-मोटे लाल-लाल अक्षरों में छपा था :
देखिए, आज और हर रोज़
वेराइटी में अतिरिक्त शो,
प्रोफेसर वोलान्द का काला जादू
और
उसका भण्डाफोड़!

वारेनूखा ने बड़े खुश होकर इन इश्तेहारों को देखा और छोकरे को आज्ञा दी की वह सभी प्रतियाँ इधर-उधर लटका दे.
 बहुत अच्छा है, सुन्दर, वारेनूखा छोकरे के बाहर जाने के बाद बोला.
 और मुझे यह ख़याल बिल्कुल भी पसन्द नहीं है! अपनी सींगों वाली ऐनक से, खा जाने वाली नज़रों से इश्तेहारों को देखते हुए रीम्स्की बोला, मुझे तो इस बात का आश्चर्य है कि उसे इस प्रदर्शन की अनुमति कैसे मिल गई!
 नहीं, ग्रिगोरी दानिलोविच, ऐसा न कहो; यह एक बहुत सधी हुई चाल है. सारा राज़ तो इस पर्दाफाश में है.
 मालूम नहीं, कुछ मालूम नहीं; कोई राज़-वाज़ नहीं है, और वह हमेशा ऐसी ही ऊटपटांग बातें सोचा करता है. काश, वह इस जादूगर को दिखा ही देता! कम से कम तुम तो देख लेते? यह सब उसने कहाँ से सीखा, शैतान ही जाने!
पता चला कि वारेनूखा ने भी, रीम्स्की की ही तरह जादूगर को नहीं देखा था. कल स्त्योपा पागल की तरह (रीम्स्की के शब्दों में) वित्तीय डाइरेक्टर के पास भागता हुआ आया, हाथ में एक अनुबन्ध लिए और तत्क्षण उसे पैसे देने पर मजबूर कर दिया. और यह जादूगर न जाने कहाँ था, सिवाय स्त्योपा के उसे किसी ने भी नहीं देखा था.
रीम्स्की ने घड़ी निकालकर देखी दो बजकर पाँच मिनट हुए थे, और वह पूरी तरह झल्ला गया. बात ठीक ही थी. लिखोदेयेव ने लगभग ग्यारह बजे फोन करके कहा था कि आधे घण्टे बाद पहुँच रहा है, मगर वह न आया; और तो और अपने फ्लैट से भी गायब हो गया!
 मेरा काम रुका पड़ा है! रीम्स्की कराहते हुए बिना हस्ताक्षर वाले कागज़ों की फाइलों में उँगली गड़ाते हुए बोला.
 कहीं वह बेर्लिओज़ की तरह ट्रामगाड़ी के नीचे तो नहीं आ गया? वारेनूखा ने टेलिफोन के चोंगे को कान से लगाए-लगाए कहा, जिसमें से लगातार गहरी आशाहीन आवाज़ें आ रही थीं.
 कितना अच्छा होता अगर... रीम्स्की ने दाँत पीसे.
इसी क्षण कैबिन में एक औरत खूबसूरत वास्कट, काला स्कर्ट और कोट पहने एड़ीदार जूतों से खटखट करती आई. अपनी बेल्ट से झूलते छोटे-से पर्स से उसने छोटा-सा सफ़ेद चौकोर लिफाफा और नोट-बुक निकाली और पूछने लगी, यहाँ वेराइटी कौन है? आपके लिए सुपर लाइटनिंग तार है, हस्ताक्षर कीजिए!
वारेनूखा ने उस औरत की नोट-बुक में चिड़ियों जैसे हस्ताक्षर किए और उस औरत के बाहर जाते ही लिफाफा खोला.
तार पढ़कर वह आँखें झपकाने लगा और उसने लिफाफा रीम्स्की की ओर बढ़ाया.
तार में लिखा था : याल्टा मॉस्को. वेराइटी. आज साढ़े ग्यारह बजे नाइट ड्रेस में बिना जूतों के पागल लिखोदेयेव अपने को वेराइटी का डाइरेक्टर बताता पाया गया. तार दें याल्टा की खुफ़िया पुलिस को : डाइरेक्टर लिखोदेयेव कहाँ है.
 आदाब अर्ज़ चाची जान! रीम्स्की विस्मय से बोला, एक और अजूबा!
 झूठा दिमित्री (बहुरूपिया, जो अपने आपको त्सार दिमित्री बताकर सिंहासन पर बैठ गया था अनुवादक) , वारेनूखा ने कहा और टेलिफोन के चोंगे में बोला, तारघर? वेराइटी स्पीकिंग. सुपर लाइटनिंग तार लीजिए...आप सुन रहे हैं? याल्टा, खुफिया विभाग...डाइरेक्टर लिखोदेयेव मॉस्को वित्तीय डाइरेक्टर रीम्स्की...
याल्टा के झूठे के बारे में ख़बर सुनकर भी वारेनूखा स्त्योपा को टेलिफोन पर हर सम्भव जगह ढूँढ़ने की कोशिश करता रहा, और ज़ाहिर है कहीं कामयाब नहीं हुआ. वह सोच ही रहा था कि अब कहाँ टेलिफोन किया जाए, इतने में वही औरत जो पहला तार लेकर आई थी, दुबारा प्रकट हुई. उसने एक और तार का लिफाफा वारेनूखा को थमा दिया. जल्दी से उसे खोलकर पढ़ने के बाद वारेनूखा के मुँह से सीटी की आवाज़ निकल गई.
 अब और क्या है? नर्वस होते, काँपते हुए रीम्स्की ने पूछा.
वारेनूखा ने चुपचाप तार उसकी ओर बढ़ा दिया. वित्तीय डाइरेक्टर ने पढ़ा : प्रार्थना विश्वास करें याल्टा फेंका गया सम्मोहन वोलान्द खुफिया को तार करें पुष्टि करें लिखोदेयेव की.
रीम्स्की और वारेनूखा ने एक-दूसरे के सिर से सिर लगाकर फिर से तार पढ़ा और दुबारा पढ़ने के बाद एक-दूसरे पर नज़रें जमा दीं.
                                                         क्रमश:

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