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मंगलवार, 10 जनवरी 2012

Master aur Margarita-10.3


मास्टर और मार्गारीटा 10.3
फिर क्या संभावना शेष है? सम्मोहन? कोई भी ऐसी सम्मोहन शक्ति इस पृथ्वी पर नहीं है , जो किसी आदमी को हज़ारों किलोमीटर दूर फेंक दे! शायद उसे भ्रम हो रहा है कि वह याल्टा में है! उसे तो शायद सपना आ रहा है, मगर क्या याल्टा की खुफ़िया पुलिस को भी सपना आ रहा है! नहीं...माफ़ कीजिए, ऐसा नहीं होता है!...मगर तार तो वे वहीं से भेज रहे हैं?
वित्तीय डाइरेक्टर का चेहरा भय से विवर्ण हो गया. इसी समय दरवाज़े का हैंडल बाहर से घुमाया, मरोड़ा जा रहा था और सुनाई दे रहा था कि रिसेप्शनिस्ट लगातार चिल्लाती जा रही है :
 नहीं! नहीं जाने दूँगी! चाहे तो मुझे मार डालो! ज़रूरी मीटिंग चल रही है!
रीम्स्की ने अपने आप पर भरसक काबू रखते हुए टेलिफोन उठाया और बोला, याल्टा के लिए सुपर-अर्जेंट कॉल लीजिए.
 शाबाश! वारेनूखा अर्थभरी मुस्कुराहट के साथ बोला.
मगर याल्टा से बात न हो सकी. रीम्स्की ने टेलिफोन का चोंगा रख दिया और बोला, क्या मुसीबत है, लाइन ख़राब है.
ज़ाहिर था कि टेलिफोन लाइन की ख़राबी ने उसे न जाने क्यों बुरी तरह उद्विग्न कर दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया. कुछ देर सोचकर उसने एक हाथ से फिर टेलिफोन उठाया और दूसरे हाथ से वह जो कुछ चोंगे में बोलता जा रहा था, लिखने लगा :
 सुपर लाइटनिंग तार लीजिए. वेराइटी. हाँ. याल्टा. खुफ़िया पुलिस. हाँ. आज क़रीब साढ़े ग्यारह बजे लिखोदेयेव ने मुझसे टेलिफोन पर मॉस्को में बात की. इसके बाद ड्यूटी पर नहीं आया, टेलिफोन पर उसे ढूँढ़ नहीं सके. हस्ताक्षर सत्यापित करता हूँ. निर्दिष्ट कलाकार पर नज़र रखने का बन्दोबस्त कर रहा हूँ. वित्तीय डाइरेक्टर रीम्स्की.
बहुत अच्छे! वारेनूखा ने सोचा, मगर वह पूरी तरह सोच नहीं पाया; क्योंकि उसके दिमाग में यह विचार कौंध गया, बेवकूफ़ी है! वह याल्टा में नहीं हो सकता!
इस बीच रीम्स्की ने यह किया कि सभी टेलिग्रामों तथा स्वयँ द्वारा भेजे गए तार की कापी को एक तरतीब से लगाकर उन्हें एक लिफाफे में रखा, उसे बन्द किया, उस पर कुछ शब्द लिखे और वारेनूखा को देते हुए बोला, फ़ौरन, इवान सावेल्येविच, स्वयँ ले जाओ. उन्हीं को फैसला करने दो.
 यह वास्तव में बुद्धिमत्तापूर्ण बात है, वारेनूखा ने सोचा और लिफ़ाफ़े को अपनी ब्रीफ़केस में छिपा दिया. तत्पश्चात् उसने एक आख़िरी कोशिश करने के इरादे से स्त्योपा के फ्लैट का टेलिफोन नम्बर मिलाया. रिसीवर से आती हुई आवाज़ों को सुना और बड़ी प्रसन्नता और रहस्यपूर्ण ढंग से आँख मारी, और मुँह बनाया. रीम्स्की ने उसकी ओर गर्दन बढ़ाई.
  क्या मैं कलाकार वोलान्द से बात कर सकता हूँ? बड़ी मिठास से वारेनूखा ने पूछा.
 वे व्यस्त हैं, रिसीवर ने झनझनाती आवाज़ में उत्तर दिया, कौन बात कर रहा है?
 वेराइटी का व्यवस्थापक वारेनूखा.
 इवान सावेल्येविच? रिसीवर ख़ुशी से चिल्ला पड़ा, आपकी आवाज़ सुनकर बेहद ख़ुशी हुई! आपका स्वास्थ्य कैसा है?
 धन्यवाद! असमंजस में पड़कर वारेनूखा बोला, मैं किससे बात कर रहा हूँ?
 सहायक! उनका सहायक एवम् अनुवादक कोरोव्येव. रिसीवर चहका, मैं आपकी खिदमत में हाज़िर हूँ, प्रिय इवान सावेल्येविच! मेरे लायक जो भी सेवा हो, शौक से बताइए. ठीक है?
 माफ़ कीजिए, क्या स्तेपान बोग्दानोविच लिखादेयेव इस समय घर पर नहीं हैं?
 ओह, नहीं हैं! नहीं हैं! रिसीवर चिल्लाया, चले गए.
 कहाँ?
 शहर से बाहर, मोटर में सैर-सपाटा करने!
 क..क्या? सै...सैर करने? और वह वापस कब आएँगे?
 बोले कि खुली हवा में थोड़ी साँस लेकर लौट आऊँगा!
 ये बात है..., परेशानी से बोला वारेनूखा, धन्यवाद! कृपया वोलान्द महाशय को बता दीजिए कि उनका शो आज तीसरे भाग में है.
 सुन रहा हूँ. ये क्या बात हुई! ज़रूर बता दूँगा. इसी समय अवश्य बता दूँगा, चोंगे से रुक-रुककर जवाब आया.
 शुभ कामनाएँ! वारेनूखा ने अचम्भे से कहा.
 कृपया मेरी भी, रिसीवर बोला, सर्वश्रेष्ठ हार्दिक शुभेच्छाएँ ग्रहण करें! सफ़लता की कामनाएँ, शांति और सुख के लिए शुभेच्छाएँ ग्रहण करें!
 देखा, बेशक! मैंने पहले ही कहा था! गुस्से से व्यवस्थापक बोला, कोई याल्टा-वाल्टा नहीं गया है, वह सैर-सपाटा करने गया है!
 अगर यह बात है, तो... गुस्से से लाल-पीले होते हुए वित्तीय डाइरेक्टर ने कहा, तो यह वाक़ई सुअरपन है, जिसकी कोई मिसाल नहीं है!
 याद आया! याद आ गया! पूश्किनो में याल्टा नामक शराबखाना खुला है! सब साफ है! वह गया, पीकर धुत हो गया और अब वहाँ से तार भेज रहा है!
 यह बड़ी नीचता है! गाल नोचते हुए रीम्स्की बोला और उसकी आँखों से क्रोध की चिनगारियाँ बरसने लगीं, यह सैर-सपाटा उसे बहुत महँगा पड़ेगा!
मगर तभी उसका यह आवेश कमज़ोर पड़ गया और वह अविश्वास से बोला, मगर, ऐसा कैसे, ख़ुफ़िया पुलिस...
 बकवास है! यह उसका ही किया हुआ मज़ाक है, व्यवस्थापक ने बीच में टोककर कहा, तो यह लिफ़ाफ़ा ले जाऊँ?
फिर से दरवाज़ा खुला और फिर से अवतीर्ण हुई वही...वह. न जाने क्यों बड़े विषाद से रीम्स्की ने सोचा और दोनों अन्दर आती महिला डाकिया के स्वागत में खड़े हो गए.
इस बार तार में लिखा था:
सत्यापन के लिए धन्यवाद, शीघ्र पाँच सौ भेजें खुफ़िया पुलिस को, कल मॉस्को के लिए उडूँगा लिखादेयेव.
 वह पागल हो गया है... निढाल होते हुए वारेनूखा ने कहा.
रीम्स्की ने चाभियों की छनछनाहट के साथ अज्वलनशील कैश बॉक्स में से पैसे निकाले, पाँच सौ रूबल गिने, घण्टी बजाई, एक कर्मचारी को वे रूबल दिए और उसे तारघर भेजा.
 क्षमा करें ग्रिगोरी दानिलोविच, अपनी आँखों पर विश्वास न करते हुए वारेनूखा बोला, मेरे ख़याल में आप बेकार पैसा फूँक रहे हैं!
 वे वापस मिल जाएँगे, रीम्स्की ने धीमे से कहा, उसे इस पिकनिक के बारे में ठोस जवाब देना पड़ेगा, और ब्रीफ़केस की ओर इशारा करते हुए वारेनूखा से बोला, तुम जाओ, इवान सावेल्येविच, देर न करो.
वारेनूखा ब्रीफकेस लेकर बाहर को दौड़ा. वह नीचे उतरा औत टिकटघर के सामने आज तक की सबसे लम्बी लाइन देखकर टिकट खिड़की पर बैठी लड़की के पास गया. लड़की बोली कि और एक घण्टॆ में हाउस-फुल हो जाने की उम्मीद है, क्योंकि जैसे ही नया इश्तेहार लगाया गया, लोग लहर की तरह बढ़ते चले आए. उसने लड़की को हॉल में सामने वाली लाइन में तथा बॉक्स में तीस बेहतरीन स्थान रोक रखने को कहा और शो के मुफ़्त पास माँगने वाले शैतानों से बचकर अपने ऑफ़िस में दुबक गया, क्योंकि उसे टोपी लेनी थी. तभी टेलिफोन चीखा.
 हाँ!
 इवान सावेल्येविच? रिसीवर से घिनौनी भारी-सी आवाज़ आई.
 वे थियेटर में नहीं! वारेनूखा कहने ही वाला था कि रिसीवर ने उसे बीच ही में रोक दिया, बेवकूफ़ मत बनो, इवान सावेल्येविच; और सुनो, ये टेलिग्राम कहीं भी न ले जाओ और न ही किसी को दिखाओ!
 कौन बोल रहा है? वारेनूखा गरजा, यह बेवकूफ़ी भरी हरकतें बन्द कीजिए, नागरिक! आपको अभी ढूँढ़ लिया जाएगा! आप किस नम्बर से बोल रहे हैं?
 वारेनूखा, वही डरावनी आवाज़ बोली, क्या तुम रूसी भाषा समझते हो? ये टेलिग्राम कहीं भी मत ले जाओ.
 ओह, तो आप बाज़ नहीं आएँगे? व्यवस्थापक पागल हो गया, देख लेना! आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी! और भी कोई धमकी दी उसने मगर फिर एकदम चुप हो गया, क्योंकि उसने महसूस किया कि उसकी आवाज़ कोई नहीं सुन रहा.
उसके ऑफ़िस के कमरे में एकदम अँधेरा छा गया. वारेनूखा बाहर की ओर भागा. अपने पीछे उसने दरवाज़ा धड़ाम् से बन्द किया और बगल के रास्ते से वसंतोद्यान की ओर लपका.
                                                     क्रमश:

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